दिल्ली / व्हीलचेयर पर बैठी महिला का दावा, सीआईएसएफ ने एयरपोर्ट पर कहा- ड्रामा बंद करो, खड़ी हो जाओ

विकलांग अधिकार ऐक्टिविस्ट​ विराली मोदी ने दिल्ली एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ की एक महिला कॉन्स्टेबल द्वारा उनके साथ गलत व्यवहार करने का दावा किया है। विराली के अनुसार, यह बताने के बावजूद कि वह खड़ी नहीं हो सकतीं कॉन्स्टेबल ने उनसे कहा, "तुम्हें सिक्योरिटी चेकिंग के लिए खड़ा होना होगा! ड्रामा बंद करो!" हालांकि, कॉन्स्टेबल ने ऐसा कहने से इनकार किया।

Live Hindustan : Sep 10, 2019, 10:45 AM
दिव्यांगों के अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाली विराली मोदी ने सोमवार को दिल्ली हवाई अड्डे पर जांच के दौरान प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। सीआईएसएफ महिला कांस्टेबल ने दिव्यांग महिला से कहा कि ड्रामा मत करो व्हीलचेयर से खड़ी हो जाओ।

प्रेरक वक्ता और विकलांग अधिकार कार्यकर्ता विराली मोदी ने कहा कि वे दिल्ली से मुंबई की यात्रा कर रही थी, जब उन्हें इस प्रताड़ना का सामना करना पड़ा।  वर्ष 2006 में रीढ़ की हड्डी में लगी चोट के कारण वे पैरालिसिस का शिकार हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर उन्हें कभी भी ऐसी प्रताड़ना का सामना नहीं करना पड़ा है। 

देश के सभी 60 हवाई अड्डों की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली सीआईएसएफ को की गई शिकायत में मोदी ने कहा कि मैं पिछले 13 सालों से दिव्यांग हूं। मैं चल नहीं सकती और खड़ी नहीं हो सकती। मैं सोमवार को आईजीआई एयरपोर्ट, टर्मिनल 3 से स्पाइसजेट की फ्लाइट एसजी-8723 से यात्रा कर रही थी। उन्होंने कहा कि अपनी दिव्यांगता के कारण उन्होंने अपने निजी व्हील चेयर को चेक इन काउंटर पर दे दिया ताकि उसे सामान के साथ विमान में रखा जा सके।

उन्होंने कहा कि मेरी मदद के लिए एक पोर्टर नियुक्त किया गया, जो मुझे विमान में मेरे सीट तक छोड़ने जा रहा था। सुरक्षा जांच तक पहुंचने पर मुझे आपकी महिला कर्मचारी (सीआईएसएफ कर्मी) द्वारा जीवन के सबसे बुरे अनुभव का सामना करना पड़ा। उसने जबरदस्ती मुझे खड़ा होने के लिए दवाब डाला, यहां तक कि मैं और मेरे पोर्टर ने उनसे कई बार कहा कि मैं खड़ी नहीं हो सकती। मैंने अपना पासपोर्ट दिखाया, जो मेरे दिव्यांग होने की पुष्टि करता था। इसके बाद सीआईएसएफ कर्मी मुझ पर चिल्लाने लगी और नाटक करने का आरोप लगाया। 

विराली ने कहा कि क्या इसी तरीके से सीआईएसएफ अपने लोगों को किसी विकलांग के साथ व्यवहार करने के लिए प्रशिक्षित करती है? अगर ऐसा है तो यह हमारी सरकार के लिए शर्म की बात है।