India China Clash / भारत और चीन के सैनिकों के बीच अरुणाचल में झड़प, सैनिकों के घायल होने की रिपोर्ट

अरुणाचल प्रदेश में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी झड़प हुई है। इसमें भारत के 6 जवान घायल हुए हैं, जबकि चीन के सैनिकों को हमसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। उनके कई सैनिकों की हड्डियां टूटी हैं। घायल भारतीय जवानों को गुवाहाटी के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

Vikrant Shekhawat : Dec 13, 2022, 10:36 AM
India China Clash : अरुणाचल प्रदेश में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी झड़प हुई है। इसमें भारत के 6 जवान घायल हुए हैं, जबकि चीन के सैनिकों को हमसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। उनके कई सैनिकों की हड्डियां टूटी हैं। घायल भारतीय जवानों को गुवाहाटी के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।


9 दिसंबर को 600 चीनी सैनिक तवांग के यंगस्टे में 17 हजार फीट की ऊंचाई पर भारतीय पोस्ट को हटाने के लिए घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। वे कंटीले लाठी डंडे और इलेक्ट्रिक बैटन से लैस थे। भारतीय सेना भी इस बार पूरी तरह तैयार बैठी थी। हमारी सेना ने भी कंटीले लाठी-डंडों से उनको जवाब दिया। इसमें दर्जनों चीनी सैनिकों की हड्डियां टूटी हैं।


भारत के जवाबी हमले के बाद फ्लैग मीटिंग हुई और मसला शांत हुआ। विवाद वाली जगह से फिलहाल दोनों देशों की सेनाएं हट गई हैं। इससे पहले 1975 में तवांग में विवाद हुआ था, तब भारत के 4 सैनिक शहीद हुए थे। इस क्षेत्र में दोनों सेनाएं कुछ हिस्सों पर अपना-अपना दावा ठोकती आई हैं। 2006 से यह विवाद जारी है।


इससे पहले 15 जून 2020 को लद्दाख के गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के बीच झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जबकि चीन के 38 सैनिक मारे गए थे। हालांकि, चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी ने 4 सैनिक मारे जाने की बात ही कबूली थी।


तवांग झड़प पर एक्शन में सरकार

अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद सरकार एक्शन में आ गई है और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने एक अहम बैठक बुलाई है. बताया जा रहा है कि बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) अनिल चौहान (Anil Chauhan) के अलावा तीनों सेना के प्रमुख हिस्सा लेंगे. इस बैठक में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर मौजूदा हालात को लेकर चर्चा हो सकती है.


बैठक में कौन-कौन होगा शामिल?

राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) द्वारा बुलाई गई इस उच्च स्तरीय बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान (CDS Anil Chauhan) के अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar), वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार, थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे, विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा और रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने शामिल होंगे.


सॉफ्ट पावर के रूप में उभरा है भारत: किरेन रिजिजू

अरुणाचल प्रदेश में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बीच केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने जोर देकर कहा कि अरुणाचल प्रदेश प्राचीन काल से भारत का अभिन्न अंग रहा है और पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने इसे खूबसूरत तरीके से पेश किया है. उन्होंने कहा कि पूरा भारत एकजुट हो गया है और शक्तिशाली हुआ है. भारत एक बहुत मजबूत राष्ट्र के हिसाब से आगे बढ़ रहा है और एक सॉफ्ट पावर के रूप में उभरा है.


किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने कहा, 'हमारा कल्चर हेरिटेज है और उसको लोग अक्सर भूल जाते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व में जितने काम हुए है, उसको आगे ले जाना चाहिए. 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' के तहत पूरे देश को जोड़ने का काम किया गया है.


वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अब कैसे हैं हालात?

तवांग में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद भारतीय सेना (Indian Army) ने बयान जारी किया है और बताया है कि अब वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हालात सामान्य हैं. सेना के बयान के अनुसार, तवांग में झड़प के बाद भारत और चीन के बीच फ्लैग मीटिंग हुई है, जिसके बाद चीन के सैनिक पीछे हट गए हैं.


इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहा है भारत

केंद्र सरकार चीन के मंसूबों को स्थायी तौर पर काउंटर करने के लिए पूर्वोत्तर में 40 हजार करोड़ रुपए की लागत से फ्रंटियर हाईवे बनाने जा रही है। करीब 2 हजार किलोमीटर लंबा यह हाईवे अरुणाचल प्रदेश की लाइफ लाइन और चीन के सामने भारत की स्थायी ग्राउंड पोजिशन लाइन भी साबित करेगा।


सामरिक महत्व की बात करें तो यह भारत-तिब्बत के बीच खींची गई सीमा रेखा मैकमोहन लाइन से होकर गुजरेगा। अंग्रेजों के विदेश सचिव हेनरी मैकमोहन ने इसे सीमा के तौर पर पेश किया था और भारत इसे ही असली सीमा मानता है, जबकि चीन खारिज करता रहा है।


इस हाइवे का निर्माण सीमा सड़क संगठन (BRO) और नेशनल हाईवे अथॉरिटी मिलकर करेंगे। सेना लॉजिस्टिक सपोर्ट देगी। फ्रंटियर हाईवे तवांग के बाद ईस्ट कामेंग, वेस्ट सियांग, देसाली, दोंग और हवाई के बाद म्यांमार तक जाएगा।