Nuh Violence / अधूरी शोभायात्रा पूरी हो, नौकरी, मुआवजा, NIA जांच... जानिए पलवल महापंचायत में क्या-क्या उठी मांग?

हरियाणा के नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद पलवल जिले के पोंडरी गांव में हिंदू संगठनों की ओर से में महापंचायत बुलाई गई जिसमें कई अहम फैसले लिए गए. महापंचायत में नूंह में ही 28 अगस्त को अधूरी शोभायात्रा को फिर से निकालने का ऐलान किया गया. वहीं हिंसा के शिकार लोगों के लिए मुआवजे की भी मांग की गई, इसके अलावा दोषियों को सजा दिलाने के लिए NIA जांच की मांग की गई.

Vikrant Shekhawat : Aug 13, 2023, 11:59 PM
Nuh Violence: हरियाणा के नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद पलवल जिले के पोंडरी गांव में हिंदू संगठनों की ओर से में महापंचायत बुलाई गई जिसमें कई अहम फैसले लिए गए. महापंचायत में नूंह में ही 28 अगस्त को अधूरी शोभायात्रा को फिर से निकालने का ऐलान किया गया. वहीं हिंसा के शिकार लोगों के लिए मुआवजे की भी मांग की गई, इसके अलावा दोषियों को सजा दिलाने के लिए NIA जांच की मांग की गई.

नूंह से सटे पलवल जिले में रविवार को बुलाई गई सर्व जातीय महापंचायत में पलवल जिले के अलावा गुरुग्राम और आसपास के अन्य स्थानों के लोग शामिल हुए. यह पंचायत करीब 5 घंटे तक चली. पुलिस प्रशासन ने पंचायत में अधिकतम 500 लोगों के जमा होने, संबोधन के दौरान हेट स्पीच या भड़काऊ भाषण नहीं देने, हथियारों का इस्तेमाल नहीं करने और 2 बजे तक पंचायत खत्म करने की शर्तों के साथ पंचायत की अनुमति दी थी, लेकिन पंचायत में ना सिर्फ 1000 से ज़्यादा लोग जुटे बल्कि हेट स्पीच भी दी गई. यह सब पुलिस की मौजूदगी में हुआ.

पहले इसे नूंह जिले के किरा गांव में बुलाए जाने की योजना बनाई गई थी लेकिन प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी. महापंचायत को लेकर पलवल के पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) संदीप मोर ने कहा कि पंचायत की अनुमति दे दी गई है, लेकिन इसमें सीमित संख्या में ही लोगों को शामिल होने को कहा गया है. साथ ही हेट स्पीच से बचने को कहा गया है. हेट स्पीच के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

महापंचायत में लिए गए 10 बड़े फैसले

  • सर्व हिंदू समाज के बैनर तले हुए महापंचायत में 52 पाल सरदारी के 51 लोगों की कमेटी ने फैसला लिया कि नूंह हिंसा में घायल और मृतकों को न्याय दिलाने के लिए NIA से जांच कराई जाए. इससे पहले 31 जुलाई को हुए हिंसा में दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी गई.
  • जो लोग इन दंगों में मारे गए उनके परिजनों को मुआवजे के तौर पर 1-1 करोड़ रुपये दिए जाएं. साथ ही सरकारी नौकरी भी दी जाए.
  • हिंसा में घायल लोगों के परिजनों को भी 50-50 लाख दिए जाएं. दंगे में जिन लोगों को जान-माल का नुकसान हुआ है, उसका आकलन कराया जाए और 100% मुआवजा दिया जाए.
  • नूंह जिले में दूसरे देशों से आए, बांग्लादेश या रोहिंग्या लोगों के लिए कड़े कानून बनाकर जिले से बाहर किया जाए. साथ ही आत्म रक्षा के लिए लोगों को लाइसेंस लेने की सुविधा दी जाए और इसके लिए कानून में रियायत भी मिले.
  • RAF या HAP का एक हेडक्वार्टर मेवात में भी बनाया जाए. ताकि सुरक्षा मिले और क्षेत्र में अमन शांति बनी रहे.
  • जो लोग हिंसा में शामिल रहे हैं उनकी पहचान की जाए और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाए. साथ में नुकसान की भरपाई भी की जाए.
  • हरियाणा सरकार हिंसा से जुड़े तमाम मामलों को मेवात से हटाकर गुरुग्राम या अन्य जिले में ट्रांसफर करे. इसके अलावा नूंह का हेडक्वार्टर, नूंह जिले को खत्म कर दिया जाए.
  • इस इलाके को गौ हत्या मुक्त जिला घोषित किया जाए. तभी समस्या खत्म होगी. इसके अलावा सभी लोग अपने घरों में गाय को पालें.
  • 28 अगस्त को नूंह के नलहड मंदिर से फिर से शोभायात्रा निकालने की मांग कर रहे धार्मिक संगठनों को 52 पाल पंचायतों ने अपना समर्थन दिया है. धार्मिक संगठनों के लोगों ने पंचायत से मांग की कि 28 अगस्त को अधूरी यात्रा पूरा की जाए. जिसे पंचायत ने स्वीकार कर लिया.
  • नूंह हिंसा में निर्दोष लोगों को मुकदमे से बाहर किया जाए और मामले के दोषियों को तत्काल पकड़ा जाए.