देश / अगर सिद्धू हमेशा के लिए मौन व्रत रख लें तो कांग्रेस और देश दोनों को शांति मिलेगी: विज

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा है, "अगर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू हमेशा के लिए मौन व्रत रख लें तो कांग्रेस और देश दोनों को शांति मिलेगी।" दरअसल, सिद्धू ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग के साथ शुक्रवार को मौन व्रत शुरू किया था जिसे शनिवार को खत्म कर दिया।

Vikrant Shekhawat : Oct 10, 2021, 08:47 AM
चंडीगढ़: हरियाणा के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने शनिवार को कांग्रेस नेता नवोजत सिंह सिद्धू पर हमला बोला है। अनिल विज ने कहा, 'कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने मौन व्रत रखा है। अगर वे हमेशा के लिए मौन व्रत रखें तो इससे कांग्रेस और देश दोनों को शांति मिल जाएगी।' कांग्रेस पार्टी पर हमला बोलते हुए अनिल विज ने कहा, 'यह कांग्रेस की अंदरुनी कलह है और जब एक जहाज डगमगाने लगता है तब यह डूब जाता है। इसी तरह वो लोग बार-बार गलत कर रहे हैं। इससे यह पता चलता है कि कांग्रेस की नैया डूबने वाली है।'

लखीमपुर खीरी कांड पर हरियाणा के मंत्री ने कहा, 'सरकार ने बिल्कुल निष्पक्ष एक्शन लिया है। जब कभी भी गिफ्तारी की जरुरत होगी...यह जरुरी की जाएगी बिना किसी समस्या के। लखीमपुर खीरी में प्रशासन एक्शन ले रही है और कार्रवाई जारी है।' दरअसल कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू लखीमपुर खीरी घटना के दोषियों की गिरफ्तारी होने तक मौन व्रत पर बैठ गए है। इस पर मंत्री अनिल विज ने निशाना साधते हुए कहा कि लखीमपुर खीरी में प्रशासन अपनी कार्रवाई में लगा हुआ नवजोत सिंह सिद्धू अगर परमानेंट मौन व्रत रख लें तो इससे कांग्रेस ओर देश दोनों को शांति मिलेगी।

बता दें कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मोनू से लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में यहां पुलिस लाइन स्थित अपराध शाखा कार्यालय में पूछताछ हुई है। हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत के मामले में मिश्रा और अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने मंत्री के बेटे के पूछताछ के लिए पेश होने के बाद अपना मौन धरना शनिवार को समाप्त कर दिया। आशीष मिश्रा सुबह 11 बजे से पहले विशेष जांच दल (एसआईटी) के समक्ष पेश हुए।

आशीष को शुक्रवार को पुलिस ने दूसरी नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए शनिवार सुबह 11 बजे तक पेश होने को कहा था। वह शुक्रवार को लखीमपुर खीरी में पुलिस के सामने पेश नहीं हुए थे, इसलिए उनके घर के बाहर दूसरी नोटिस चस्पा की गई थी। मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने पूछताछ के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। इस मामले में सिद्धू ने निघासन तहसील में स्थानीय पत्रकार राम कश्यप के घर के बाहर शुक्रवार शाम 6:15 बजे से अपना मौन धरना शुरू किया था, कश्यप की तीन अक्टूबर की दुखद घटना में मृत्यु हो गई थी।

अनशन समाप्त करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सिद्धू ने कहा, यह सत्य की जीत है। कोई व्यक्ति राजा हो सकता है, लेकिन न्याय से बड़ा कोई नहीं है। न्याय है तो शासन है, और यदि न्याय नहीं है, कुशासन है। यह किसानों के परिवारों, लवप्रीत सिंह के परिवार और रमन कश्यप के परिवार की जीत है।