Vikrant Shekhawat : May 12, 2021, 05:40 PM
Delhi: कोरोना वायरस से निपटने के लिए समाज का हर हिस्सा अपने-अपने स्तर पर संघर्ष कर रहा है और इस महामारी से लड़ने के लिए प्रयास कर रहा है। जर्मनी में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला जब यहां एक वेश्यालय को कोरोना टेस्टिंग सेंटर बना दिया गया और यहां काम करने वाली महिलाएं भी एक्टिव हो चुकी हैं ये वेश्यालय दक्षिण-पश्चिमी जर्मनी में हायडलबर्ग नाम के शहर में स्थित है। इसका नाम बिहीव लव सेंटर है और यहां 25 महिलाएं काम करती हैं। जर्मनी के हेल्थ वर्कर्स ने इनमें से कुछ महिलाओं को कोरोना टेस्ट करने का प्रशिक्षण भी दिया है। यहां काम करने वाली 45 साल की महिला ने इस मामले में अपनी बात रखी
जर्मनी की न्यूज वेबसाइट बाइल्ड के साथ बातचीत में जेनी ने कहा कि मुझे एक प्रोटेक्टिव गाउन, मास्क और ग्लव्ज पहनने पड़ते हैं। आमतौर पर मैं इतना ज्यादा ढक कर खुद को नहीं रखती हूं लेकिन इस वायरस के चलते हमें कई सारे इंतजाम करने पड़ रहे है और इस वायरस के खतरे को देखते हुए हम पूरी सावधानी बरत रहे हैं।उन्होंने आगे कहा कि हमें अपनी जॉब में भी काफी संवेदनशील रहना पड़ता है और कोरोना टेस्टिंग के वक्त भी कुछ ऐसा ही है। टेस्टिंग के 20 मिनटों के अंदर ही किसी भी इंसान को अपने मोबाइल पर कोरोना टेस्टिंग के नतीजे मिल जाते हैं। खास बात ये है कि इस टेस्ट के लिए लोगों को किसी तरह की रकम अदा नहीं करनी पड़ती है।बता दें कि इस जगह के मालिक 59 साल के केल हैं। उन्होंने अपनी ये जगह प्रशासन को मुफ्त में उपलब्ध कराई है। उन्होंने कहा कि हम इस महामारी से लड़ने के लिए अपना योगदान देना चाहते थे। गौरतलब है कि जर्मनी में वैक्सिनेशन की रफ्तार काफी तेज हो चुकी है। जर्मनी में करीब 2 करोड़ लोगों को एक बार कोरोना वैक्सीन लगवाई जा चुकी है। इसके अलावा 90 लाख लोगों को दो बार वैक्सीन के शॉट दिए जा चुके हैं।
जर्मनी की न्यूज वेबसाइट बाइल्ड के साथ बातचीत में जेनी ने कहा कि मुझे एक प्रोटेक्टिव गाउन, मास्क और ग्लव्ज पहनने पड़ते हैं। आमतौर पर मैं इतना ज्यादा ढक कर खुद को नहीं रखती हूं लेकिन इस वायरस के चलते हमें कई सारे इंतजाम करने पड़ रहे है और इस वायरस के खतरे को देखते हुए हम पूरी सावधानी बरत रहे हैं।उन्होंने आगे कहा कि हमें अपनी जॉब में भी काफी संवेदनशील रहना पड़ता है और कोरोना टेस्टिंग के वक्त भी कुछ ऐसा ही है। टेस्टिंग के 20 मिनटों के अंदर ही किसी भी इंसान को अपने मोबाइल पर कोरोना टेस्टिंग के नतीजे मिल जाते हैं। खास बात ये है कि इस टेस्ट के लिए लोगों को किसी तरह की रकम अदा नहीं करनी पड़ती है।बता दें कि इस जगह के मालिक 59 साल के केल हैं। उन्होंने अपनी ये जगह प्रशासन को मुफ्त में उपलब्ध कराई है। उन्होंने कहा कि हम इस महामारी से लड़ने के लिए अपना योगदान देना चाहते थे। गौरतलब है कि जर्मनी में वैक्सिनेशन की रफ्तार काफी तेज हो चुकी है। जर्मनी में करीब 2 करोड़ लोगों को एक बार कोरोना वैक्सीन लगवाई जा चुकी है। इसके अलावा 90 लाख लोगों को दो बार वैक्सीन के शॉट दिए जा चुके हैं।