India-Germany Relation: भारत और जर्मनी के संबंधों ने पिछले कुछ वर्षों में एक नई दिशा ली है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मजबूत और सुदृढ़ होती जा रही है। इस संबंध की पुष्टि जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज़ की भारत यात्रा से होती है। शोल्ज़ के कार्यकाल के दौरान यह उनकी तीसरी भारत यात्रा है, जो दोनों देशों की बढ़ती दोस्ती और रणनीतिक साझेदारी को दर्शाती है। शुक्रवार को आयोजित सातवीं अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट रूप से बताया कि यह साझेदारी सिर्फ राजनीतिक संबंधों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दो सक्षम और मजबूत लोकतंत्रों की परिवर्तनकारी साझेदारी है।
वैश्विक अस्थिरता में भारत-जर्मनी की मजबूत साझेदारी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया आज तनाव, संघर्ष और अनिश्चितता से भरी हुई है, और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कानून के शासन तथा नौवहन की स्वतंत्रता को लेकर भी गंभीर चिंताएँ हैं। ऐसे में भारत और जर्मनी के बीच की रणनीतिक साझेदारी एक सुदृढ़ सहारे के रूप में उभर रही है। मोदी ने इस बात पर बल दिया कि यह सहयोग सिर्फ पारस्परिक हितों के लिए नहीं, बल्कि एक व्यापक वैश्विक स्थिरता के लिए भी है।शोल्ज़ की भारत यात्रा का यह दौर दोनों देशों के बीच गहरी दोस्ती का प्रतीक है, जिसे पीएम मोदी ने ‘ट्रिपल जश्न’ के रूप में अभिहित किया। उन्होंने कहा कि पिछले आईजीसी, जो मई 2022 में बर्लिन में आयोजित हुआ था, में लिए गए निर्णयों ने द्विपक्षीय संबंधों को एक नई गति दी है। इस साझेदारी ने इन दो वर्षों में प्रगति का एक उत्साहजनक स्तर हासिल किया है, खासकर रक्षा, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, हरित और सतत विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में।
रक्षा से ऊर्जा तक - व्यापक सहयोग का विस्तार
भारत और जर्मनी का सहयोग केवल रक्षा तक सीमित नहीं है। प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, और हरित एवं सतत विकास जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच मजबूती से बढ़ता हुआ सहयोग देखा जा सकता है। जर्मनी ने भारत को प्रमुख साझेदार के रूप में चुना है, और उसकी ‘फोकस ऑन इंडिया’ रणनीति को पीएम मोदी ने एक स्वागत योग्य कदम बताया। प्रधानमंत्री ने इस साझेदारी के विस्तार के लिए नई पहलों का समर्थन किया और कहा कि यह प्रयास ‘संपूर्ण सरकार’ दृष्टिकोण से लेकर ‘पूरे राष्ट्र’ दृष्टिकोण की ओर है, जो दोनों देशों की विकास आकांक्षाओं को दिशा देगा।
हरित और सतत विकास साझेदारी की भूमिका
प्रधानमंत्री मोदी और चांसलर शोल्ज़ ने बैठक में जर्मन-भारतीय हरित और सतत विकास साझेदारी (जीएसडीपी) पर सहमति जताई। यह साझेदारी 2011 में शुरू की गई आईजीसी के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण कदम है। इसका उद्देश्य ऊर्जा क्षेत्र में हरित और सतत विकास को बढ़ावा देना है, जिसमें दोनों देश अपने-अपने अनुभव और तकनीकी दक्षता का लाभ उठा सकते हैं। यह पहल सिर्फ भारत और जर्मनी के बीच एक गहरे संबंध को ही नहीं दर्शाती, बल्कि वैश्विक स्तर पर पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान देने की क्षमता रखती है।
भविष्य की दिशा
भारत और जर्मनी की इस उभरती हुई रणनीतिक साझेदारी ने दोनों देशों के बीच भरोसे को और भी मजबूत किया है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने जर्मनी के साथ साझेदारी को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया है। दोनों देशों की यह परस्पर मित्रता और साझेदारी आने वाले वर्षों में वैश्विक शांति और स्थिरता को मजबूत करने में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।