Narendra Modi Podcast: हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेक्स फ्रीडमैन के साथ एक पॉडकास्ट में भारत-पाकिस्तान संबंधों और क्षेत्रीय शांति के विषय पर अपनी स्पष्ट राय रखी। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा शांति की पहल की है, लेकिन पाकिस्तान ने इसका जवाब शत्रुता और विश्वासघात से दिया है।
शांति प्रयासों का उत्तर विश्वासघात से
प्रधानमंत्री मोदी ने याद दिलाया कि उन्होंने अपने पहले शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान को आमंत्रित किया था, जो एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम था। हालांकि, भारत के शांति प्रयासों को पाकिस्तान ने हमेशा नकारात्मक रूप से लिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान को जल्द ही सद्बुद्धि आएगी और वह शांति का मार्ग अपनाएगा।
पाकिस्तानी जनता भी शांति चाहती है
पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान की आम जनता भी शांति चाहती है क्योंकि वे भी लंबे समय से संघर्ष, आतंकवाद और अशांति से त्रस्त हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में मासूम बच्चों की हत्याएं और असंख्य निर्दोष जिंदगियों का नुकसान इस बात का प्रमाण है कि वहां स्थिरता की कितनी आवश्यकता है।
आतंकवाद की जड़ में पाकिस्तान
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पाकिस्तान ने आतंकवाद को पनाह दी है, जिसका प्रमाण ओसामा बिन लादेन का वहां शरण लेना था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा भारत से संघर्ष का मार्ग चुना, जबकि भारत ने शांति की राह अपनाई है।
विदेश नीति की स्पष्टता
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत की विदेश नीति स्पष्ट और मजबूत हो गई है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा दक्षेस (SAARC) देशों के सभी राष्ट्राध्यक्षों को शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित करना एक ऐतिहासिक कदम था, जिसने भारत की कूटनीतिक सोच को नई दिशा दी। तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी अपने संस्मरण में इस पहल की सराहना की थी।
उन्होंने जोर दिया कि भारत की विदेश नीति अब आत्मविश्वास से भरपूर है और दुनिया के सामने शांति और सद्भाव का स्पष्ट संदेश भेजती है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि भारत को अपनी शांति की अपीलों का वांछित परिणाम नहीं मिला।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि भारत शांति का समर्थक है और उसने हमेशा अपने पड़ोसी देशों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध स्थापित करने की पहल की है। लेकिन पाकिस्तान की आक्रामक नीतियों के चलते यह संभव नहीं हो सका। अब यह पाकिस्तान पर निर्भर करता है कि वह अपनी नीतियों में बदलाव लाए और शांति का मार्ग अपनाए।