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- 22-Apr-2025 06:20 PM IST
Rishabh Pant News: टीम इंडिया के स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत इस वक्त आईपीएल 2025 में लखनऊ सुपर जायंट्स के कप्तान के रूप में मैदान में सक्रिय हैं। उनकी टीम इस सीजन शानदार प्रदर्शन कर रही है और टॉप-5 की रेस में बनी हुई है। लेकिन इसी दौरान पंत के लिए एक निराशाजनक खबर सामने आई है—उन्हें लॉरियस वर्ल्ड स्पोर्ट्स अवार्ड 2025 की कमबैक ऑफ द ईयर कैटेगरी में नामांकित किया गया था, लेकिन वह इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को जीतने से चूक गए।
ब्राजील की जिमनास्ट रेबेका एंड्राडे ने मारी बाज़ी
पंत के अलावा इस कैटेगरी में नामांकित अन्य खिलाड़ियों में अमेरिकी तैराक कैलेब ड्रेसेल, स्विस स्कीयर लारा गुट-बेरहमी, स्पेन के मोटरस्पोर्ट स्टार मार्क मार्केज, ऑस्ट्रेलिया की तैराक एरियन टिटमस और ब्राजील की जिमनास्ट रेबेका एंड्राडे शामिल थीं। आखिरकार यह सम्मान रेबेका एंड्राडे को मिला, जिन्होंने चोटों से जूझने के बावजूद ओलंपिक में चार पदक जीतकर खेल भावना की मिसाल पेश की।
कार दुर्घटना से वर्ल्ड कप विजेता बनने तक का सफर
ऋषभ पंत का कमबैक किसी चमत्कार से कम नहीं रहा। दिसंबर 2022 में एक भयानक कार एक्सीडेंट ने उनकी जिंदगी को झकझोर दिया। गंभीर चोटों और सर्जरी के बाद जब उन्हें क्रिकेट से लगभग 15 महीने तक दूर रहना पड़ा, तब कई विशेषज्ञों ने उनकी वापसी पर संदेह जताया। लेकिन पंत ने अपनी इच्छाशक्ति, मेहनत और लगन से सभी को गलत साबित किया। मार्च 2024 में आईपीएल के जरिए उन्होंने जोरदार वापसी की और इसके बाद टी20 वर्ल्ड कप 2024 जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा बने।
इतिहास के पन्नों में दर्ज एक और भारतीय नाम
भले ही पंत यह अवॉर्ड नहीं जीत पाए, लेकिन वे लॉरियस वर्ल्ड स्पोर्ट्स अवॉर्ड के लिए नामांकित होने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय क्रिकेटर बन गए हैं। उनसे पहले यह सम्मान केवल क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को मिला था, जिन्हें 2020 में स्पोर्टिंग मोमेंट ऑफ द ईयर कैटेगरी में नामांकित किया गया था। इसके अलावा, भाला फेंक चैंपियन नीरज चोपड़ा और रेसलर विनेश फोगाट भी लॉरियस अवॉर्ड्स की लिस्ट में अपनी जगह बना चुके हैं।
लॉरियस अवॉर्ड: खेलों का ऑस्कर
लॉरियस वर्ल्ड स्पोर्ट्स अवॉर्ड को खेल जगत का "ऑस्कर" कहा जाता है। साल 2000 से शुरू हुए इस समारोह का उद्देश्य विश्वभर के खिलाड़ियों की उपलब्धियों और प्रेरणादायक कहानियों को सम्मानित करना है। पंत की कहानी भी लाखों युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा है—यह बताने के लिए कि जज़्बा हो तो सबसे बड़ी चोट भी रुकावट नहीं बन सकती।