India-Bangladesh News / भारत-बांग्लादेश तीस्ता जल बंटवारे पर संकट! युनुस सरकार ने कही ये बात

एक महीने पहले बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत आईं थीं. चौथी बार प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने के बाद यह उनकी पहली द्विपक्षीय यात्रा थी. यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान हसीना ने कई अहम समझौते किये. तीस्ता नदी के जल के बंटवारे पर भी चर्चा हुई. लगा था कि लंबे समय से चला आ रहा यह विवाद सुलझ जाएगा. लेकिन, इस बीच बांग्लादेश में राजनीतिक बदलाव हुआ है.

Vikrant Shekhawat : Aug 16, 2024, 07:00 AM
India-Bangladesh News: एक महीने पहले बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत आईं थीं. चौथी बार प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने के बाद यह उनकी पहली द्विपक्षीय यात्रा थी. यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान हसीना ने कई अहम समझौते किये. तीस्ता नदी के जल के बंटवारे पर भी चर्चा हुई. लगा था कि लंबे समय से चला आ रहा यह विवाद सुलझ जाएगा. लेकिन, इस बीच बांग्लादेश में राजनीतिक बदलाव हुआ है.

शेख हसीना प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर भारत आ गई हैं. सेना की देखरेख में अंतरिम सरकार का गठन किया गया. शुरुआत में उन्होंने तीस्ता जल बंटवारा समझौते को लेकर भारत पर दबाव बढ़ाया. उनकी स्पष्ट मांग है, ‘हमें तीस्ता जल का उचित हिस्सा चाहिए.’

इस दिन बांग्लादेश के विदेश सलाहकार तौहीद हुसैन ने चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ, ब्रिटेन समेत विभिन्न देशों के राजनयिकों से मुलाकात की. भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा के साथ भी बैठक हुई. बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में तौहीद ने कहा कि भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा के साथ बैठक में तीस्ता जल में उचित हिस्सेदारी की मांग की गई.

तीस्ता जल में उचित भागीदारी की मांग

उन्होंने कहा, ”मुझे पता है कि पानी कम है. वो भी नहीं जो एक देश के लिए जरूरी है. लेकिन वहां है. अगर सौ क्यूसेक पानी है तो भी क्या आप हमें उसमें से 30 क्यूसेक पानी नहीं दे सकते? हमने उन्हें (भारतीय पक्ष को) यही बताया.

ये विवाद काफी समय से चल रहा है. 1983 में, बांग्लादेश और भारत के बीच एक मंत्रिस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बांग्लादेश को तीस्ता नदी का 36 प्रतिशत पानी मिलेगा और भारत को 39 प्रतिशत मिलेगा. बाकी 25 फीसदी पानी नदियों में संग्रहित किया जाएगा. लेकिन इस पानी का बंटवारा कैसे होगा, इस पर कोई स्पष्ट दिशा नहीं थी.

तीस्ता जल बंटवारे पर चल रहा है विवाद

2007 में, बांग्लादेश ने तीस्ता जल का 80 प्रतिशत दोनों देशों के बीच समान रूप से साझा करने की पेशकश की, शेष 20 प्रतिशत नदी के लिए आरक्षित किया, जिसे भारत ने स्वीकार नहीं किया. साल 2011 में यह प्रस्ताव रखा गया था कि दिसंबर से मार्च तक भारत को 42.5 फीसदी और बांग्लादेश को 37.5 फीसदी पानी मिलेगा. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विरोध किया. उन्होंने कहा, इससे उत्तर बंगाल के लोगों को गंभीर नुकसान होगा.

हाल ही में भारत की यात्रा के बाद, हसीना ने बताया कि भारत से तकनीशियनों की एक टीम तीस्ता नदी संरक्षण परियोजना के लिए बांग्लादेश का दौरा करेगी. भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रो ने कहा कि चर्चा तीस्ता जल के वितरण से ज्यादा जल प्रवाह प्रबंधन पर केंद्रित रही.

तीस्ता नदी के पानी के संरक्षण और प्रबंधन पर चर्चा के लिए तकनीशियनों की एक टीम जल्द ही बांग्लादेश का दौरा करेगी. उनकी सर्वे रिपोर्ट के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी. भारत के बाद हसीना चीन गईं. उन्होंने वहां से वापस कहा कि चीन तीस्ता परियोजना पर काम करने को उत्सुक है, लेकिन वह चाहते हैं कि भारत ऐसा करे.