बिज़नेस / बैंकों में पैसा डूबने पर जमाकर्ताओं को 90 दिनों के भीतर मिलेगी ₹5 लाख तक की बीमा राशि

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया है कि कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया है कि बैंकों में पैसा डूबने की स्थिति में जमाकर्ताओं को 90 दिनों के भीतर ₹5 लाख तक की बीमा राशि मिलेगी। इन 90 दिनों में से 45 दिन बैंकों को जमाकर्ताओं का डेटा इकट्ठा करने और बीमा कंपनियों से संपर्क के लिए दिए जाएंगे।

नई दिल्ली: अगर कोई बैंक डूब जाता है या फिर आरबीआई की ओर से लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है तो ग्राहकों को डरने की जरूरत नहीं है। बैंक के ग्राहकों को डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत 90 दिन के भीतर 5 लाख रुपए तक की बीमा रकम मिल जाएगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल (कैबिनेट) ने बुधवार को हुई बैठक में DICGC एक्ट में बदलाव को मंजूरी दे दी है। इस बदलाव की जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी है।

किसे मिलेगी राहत: इस बदलाव के बाद उन ग्राहकों को राहत मिलेगी, जिनकी रकम किसी न किसी वजह से बंद हो चुके या लाइसेंस रद्द किए गए बैंकों में फंसी हुई है। आपको बता दें कि बीमा की रकम पहले एक लाख रुपए थी लेकिन साल 2020 में सरकार ने डिपॉजिट इंश्योरेंस की लिमिट 5 गुना बढ़ाने का फैसला किया था। इसके बाद अब बीमा की रकम देने की अवधि भी तय कर दी गई है।

मतलब ये हुआ कि 90 दिन में ही ग्राहकों को बीमा की रकम मिल जाएगी। केंद्रीय कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि DICGC कानून में संशोधन के साथ जमा बीमा का दायरा बढ़ जाएगा और इसके अंतर्गत 98.3 प्रतिशत बैंक खाताधारक पूरी तरह संरक्षित हो जाएंगे।

5 लाख से ज्यादा रकम पर क्या होगा: निर्मला सीतारमण ने बताया कि अगर ग्राहक की डिपॉजिट रकम 5 लाख रुपए से ज्यादा है तब भी उसे अधिकतम 5 लाख तक ही मिलेंगे। उन्होंने बताया कि पहले बीमा की ये रकम 50 हजार रुपए थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में इजाफा कर पहले 1 लाख रुपए किया गया। इसके बाद के बदलाव में ये रकम अब 5 लाख रुपए हो गई है।