देश / दिल्ली हाई कोर्ट का बड़ा फैसला- वयस्क महिला अपनी मर्जी से किसी के भी साथ रहने के लिए स्वतंत्र

दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में कहा है कि एक वयस्क महिला अपनी मर्जी से कहीं और किसी के भी साथ रहने के लिए स्वतंत्र है। दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट में एक युवती के परिवार ने अपनी बेटी को पेश करने के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई गई थी। कोर्ट ने इसी मामले की सुनवाई में अपना फैसला सुनाया है। युवती के परिवार का दावा था कि वह गायब हो गई है।

Vikrant Shekhawat : Nov 25, 2020, 07:34 PM
नई दिल्ली | दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में कहा है कि एक वयस्क महिला अपनी मर्जी से कहीं और किसी के भी साथ रहने के लिए स्वतंत्र है। दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट में एक युवती के परिवार ने अपनी बेटी को पेश करने के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई गई थी। कोर्ट ने इसी मामले की सुनवाई में अपना फैसला सुनाया है।

युवती के परिवार का दावा था कि वह गायब हो गई है। लेकिन इस मामले में खुद युवती ने कोर्ट के सामने पेश होकर बताया कि वह अपने परिवार और घर को छोड़कर अपनी मर्जी से आई है और फिलहाल शादी करके एक व्यक्ति के साथ रह रही है। युवती ने सेक्शन 164 के तहत अपना बयान भी दर्ज कराया है।  

लड़की बोली- अपनी मर्जी से घर छोड़ा

ऐसे में जब कोर्ट ने पाया कि युवती गायब नहीं है बल्कि अपनी मर्जी से अपने पैतृक घर को छोड़कर किसी व्यक्ति के साथ शादी करके रह रही है तो उसने इस मामले में याचिका का निपटारा कर दिया। मामले को निपटाते हुए अदालत ने कहा कि कोई भी वयस्क महिला अपनी मर्जी से कहीं भी और किसी के भी साथ रहने के लिए स्वतंत्र है।

मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पाया कि इस युवती की पैदाइश साल 2000 की है। यानी वह तकरीबन 20 साल की है, और वयस्क है। ऐसी स्थिति में परिजन उस पर अपना कोई भी फैसला थोपने के लिए दबाव नहीं डाल सकते हैं। 

लड़की को बरगलाने का लगाया था आरोप

परिवार की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया था कि यह बच्ची 12 सितंबर से घर से लापता है। याचिका में परिजनों ने संदेह जताया था कि उसे कोई लड़का बहला-फुसलाकर ले गया है। कोर्ट ने इस मामले में जब पुलिस को जांच करने के आदेश दिए तो पता चला कि जिस लड़के पर लड़की के परिजनों ने शक किया, उन दोनों ने आपस में शादी कर ली है। शादी दोनों वयस्कों ने अपनी मर्जी से की है और लड़की ने इसको लेकर इकबालिया बयान भी दर्ज कराया है।

पुलिस को सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश 

ऐसे में, जब जांच अधिकारी ने इन तमाम बातों की जानकारी दी तो कोर्ट ने आदेश जारी किया कि लड़की पर उसके परिजन घर वापस लौटने का कोई भी दबाव नहीं डालेंगे। इसके अलावा कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह लड़के के घर पर दोनों को लेकर जाएंगे, और उनके रहने की व्यवस्था की जाएगी। 

कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया है कि लड़का और लड़की दोनों में से किसी के परिजन भी उनको धमकी देकर तंग ना करने पाएं। कोर्ट ने जांच अधिकारी को भी निर्देश दिए हैं कि इस मामले में वयस्क कपल को बीट कांस्टेबल का मोबाइल नंबर दिया जाए। कोर्ट ने पुलिस को कहा है कि आगे भी नजर रखने के लिए या कोई सहायता की जरूरत होने पर दंपति की सहायता की जाए।