कोरोना वायरस / तमिलनाडु के चिड़ियाघर में कोविड-19 से संक्रमित 4 शेरों में मिला डेल्टा वैरिएंट

चेन्नई (तमिलनाडु) स्थित अरिग्नार अन्ना चिड़ियाघर में कोविड-19 से संक्रमित 4 शेरों में डेल्टा वैरिएंट का पता चला है। चिड़ियाघर ने बयान में कहा, "चारों सैंपल की जीनोेम सीक्वेंसिंग एनआईएचएसएडी (आईसीएआर-नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी ऐनिमल डिज़ीज़) भोपाल में की गई थी। जीनोम सीक्वेंसिंग के विश्लेषण से पता चला कि चारों पैंगोलिन लीनिएज B.1.617.2 और डेल्टा वैरिएंट से संबंधित हैं।"

Vikrant Shekhawat : Jun 19, 2021, 03:42 PM
चेन्नई: तमिलनाडु के वंडालूर में अरिग्नर अन्ना जूलॉजिकल पार्क में चार कोविड ​​​​-19 संक्रमित शेरों के नमूनों में डेल्टा वेरिएंट (Lions infected by Covid Delta Variant ) का पता लगा है. पार्क की तरफ से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि जीनोम सीक्वेंसिंग से वेरिएंट का पता चला है, सभी पैंगोलिन वंश B.1.617.2 के हैं. इस साल 11 मई को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने B.1.617.2 को वेरिएंट ऑफ कंसर्न कहा था. जू के डिप्टी डायरेक्टर ने कहा कि इस संक्रमण में संक्रमण की क्षमता बहुत ज्यादा है.

जू ने 11 शेरों के कोरोना संक्रमण के सैंपल्ट जांच के लिए भेजे थे, इनमें 4 शेरों के सैंपल 24 मई को जबकि 7 शेरों के सैंपल 29 मई को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिसीज (NIHSAD) भोपाल भेजे थे. 3 जून को 9 शेरों के नमूनों में SARS CoV-2 की पुष्टि हुई थी. इसके बाद से इनका इलाज किया जा रहा था.

इस महीने की शुरुआत में दो शेरों की हुई मौत

डिप्टी डायरेक्टर ने बयान में कहा कि संस्थान ने SARS CoV-2 वायरस की जीनोम सीक्वेंसिंग का रिजल्ट अधिकारियों के अनुरोध के बाद शेयर किए. निदेशक ने कहा कि चार सैंपल्स की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई, जिसमें सभी 4 में डेल्टा वेरिएंट मिला. नौ साल की एक शेरनी नीला और 12 साल के पथबनाथन नाम के एक नर शेर की इस महीने की शुरुआत में जू में कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी. चिड़ियाघर में कोरोना वायरस संक्रमण से दो हफ्तों के भीतर दो मौतें हुई थीं.

शेरों का चल रहा इलाज

12 साल के एशियाई पथबनाथन नाम के शेर को उद्यान के सफारी क्षेत्र में रखा गया था. तीन जून को इस शेर के नमूनों में कोरोना का संक्रमण मिला था. इससे पहले तीन जून को ही चिड़ियाघर में नीला नाम की शेरनी की कोरोना वायरस के कारण मौत हो गई थी. चिड़ियाघर के पशु चिकित्सक और तमिलनाडु पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ पूरी कोशिश कर रहे हैं कि शेर जल्द से जल्द ठीक हो जाएं. शेरों में इस संक्रमण का पता चलने के बाद से चिड़िया घर प्रबंधन इसका हर संभव प्रयास कर रहा है कि अन्य जानवरों तक इस वायरस का प्रसार नहीं हो. जानवरों के बाड़े संक्रमण मुक्त किए जा रहे हैं और कर्मचारियों के लिए पीपीई किट पहनना जरूरी कर दिया गया है.