बॉलीवुड / 17 साल की उम्र में था डिप्रेशन, की थी आत्महत्या करने की कोशिश: सब्यसाची मुखर्जी

फैशन डिज़ाइनर सब्यसाची मुखर्जी ने एक इंटरव्यू में बताया, "मैं 17 साल की उम्र में डिप्रेशन में था...मैंने आत्महत्या करने की कोशिश की थी।" उन्होंने कहा, "डिप्रेशन ज़ुकाम की तरह आम है, यदि आप कभी उदास नहीं हुए तो आप सामान्य नहीं हैं।" बतौर सब्यसाची, मानसिक स्वास्थ्य पर बात करनी चाहिए, आत्म-अभिव्यक्ति ने उन्हें इससे उबरने में मदद की थी।

News Platform : Nov 21, 2019, 05:15 PM
फैशन डिजाइनर सब्यासाची मुखर्जी द्वारा डिजाइन किए गए ड्रेस आम लोगों के साथ-साथ बॉलीवुड डीवाज़ के लिए भी ड्रीम कलेक्शन की तरह ही होते हैं।

दीपिका पादुकोण हों या अनु्ष्का शर्मा हों, अपनी शादियों में अभिनेत्रियों ने सब्यासाची द्वारा डिजाइन किए लहंगे ही पहने थे।

हालांकि, सब्यासाची अपनी पर्सनल लाइफ के बारे में बात करते कम ही दिखते हैं। लेकिन हाल ही में डिजाइनर ने अपनी जिंदगी को लेकर बड़ा खुलासा किया है।

सब्यासाची पर सेक्सिस्ट होने के लगे थे आरोप

मालूम हो कि सब्यासाची इससे पहले अपने एक पोस्ट की वजह से सुर्खियों में रहे थे।

अपने पोस्ट में सब्यासाची ने लिखा था, 'अगर आप किसी महिला को ओवरड्रेस्ड, हैवी मेक-अप और गहनों से सजा देखते हैं तो इस बात की काफी संभावनाएं हैं कि वह अंदर से काफी जख्मी हो। बहते खून के साथ चुपचाप।'

यह पोस्ट काफी वायरल हुआ था और डिजाइनर पर सेक्सिस्ट होने के आरोप भी लगे थे।

अपने पोस्ट पर सब्यासाची ने मांगी थी माफी

एक हालिया इंटरव्यू में सब्यासाची ने अपने पोस्ट पर माफी मांग ली। उन्होंने कहा कि उनका असली मतलब इस पोस्ट के माध्यम से लोगों को जागरुक करना था और लोग दूसरों के कपड़ोें को लेकर जजमेंटल ना होें।

17 साल की उम्र में की थी खुदकुशी की कोशिश- सब्यासाची

इसी इंटरव्यू में सब्यासाची ने यह भी बताया कि 17 साल की उम्र में वह डिप्रेशन का शिकार हो गए थे।

उन्होंने बताया, "मैं जब 17 साल का था तो उस वक्त डिप्रेशन में चला गया था। मैंने खुदकुशी करने की भी कोशिश की थी। वह एक असफल प्रयास था। अब मेरे साथ ऐसा कुछ नहीं होता है।"

उन्होंने आगे कहा, "मैं बहुत क्रिएटिव हूं और अपने काम को भी अच्छी तरह से कर रहा हूं।"डिप्रेशन ने दिखाया सही रास्ता- सब्यासाची

बता दें कि साल 2017 में सब्यासाची ने डिप्रेशन की तुलना कॉमन कोल्ड से की थी। उनका कहना है, "डिप्रेशन ने मुझे सही रास्ता दिखाया, नहीं तो भारत मुझे खो देता और मैं गूगल जैसी किसी कंपनी में सेन फ्रांसिस्को में होता।"