Vikrant Shekhawat : Nov 30, 2021, 02:04 PM
मुंबई: कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए और काफी खतरनाक माने जा रहे ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) ने एक बार फिर दुनियाभर के देशों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है. इसे समय रहते रोकने की कोशिशें भी शुरू कर दी गई हैं. भारत में कोरोना (Corona) की दूसरी लहर (Second Wave) के दौरान मची तबाही के बाद अब एक बार फिर आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. कोरोना के खतरे के बीच इस बड़ी लापरवाही का खुलासा खुद बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने किया है.बीएमसी अधिकारी के मुताबिक अफ्रीकी देशों में मिले कोरोना के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट के सामने आने के बाद से पिछले 15 दिनों में कम से कम 1000 यात्री मुंबई आ चुके हैं जबकि मुंबई नागरिक निकाय के पास केवल 466 यात्रियों की ही जानकारी मिल सकी है. 466 यात्रियों में से अब तक केवल 100 यात्रियों के स्वाब के नमूने एकत्र किए गए हैं. बृहन्मुंबई नगर निगम के अतिरिक्त नगर आयुक्त सुरेश काकानी ने बताया कि इस संबंध में हवाईअड्डा प्राधिकरण की ओर से जानकारी दी गई है कि एक पखवाड़े में करीब 1 हजार यात्री अफ्रीकी देशों से मुंबई पहुंचे हैं लेकिन उनमें से केवल 466 यात्रियों की सूची ही अभी तक प्राधिकरण की ओर से सौंपी गई है.सुरेश काकानी ने बताया कि जिन 466 यात्रियों की सूची सौंपी गई है उनमें से 100 मुंबई के ही रहने वाले हैं. इन सभी के स्वाब के नमूने एकत्र कर लिए गए हैं. एक से दो दिन के अंदर उनकी रिपोर्ट आने की उम्मीद है. इन रिपोर्ट से ही पता चल सकेगा कि अफ्रीकी देशों से लौटे कोरोना संक्रमित हैं या नहीं. बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की सलाह पर महानगरपालिका सकारात्मक नमूनों में एस-जीनोम के गायब होने की जांच कराने जा रही है.काकानी ने कहा कि अगर किसी भी यात्री की रिपोर्ट में एस जीन गायब मिलता है तो उस स्थिति में यह माना जाएगा कि वह यात्री ओमिक्रॉन स्वरूप से संक्रमित हो सकता है. उन्होंने कहा कि अगर किसी भी यात्री में थोड़ा भी संक्रमण पाया जाता है तो उसे अंधेरी के सिविक-संचालित सेवन हिल्स अस्पताल में महानगरपालिका की संस्थागत संगरोध सुविधा में स्थानांतरित कर दिया जाएगा.