Vikrant Shekhawat : May 28, 2022, 06:11 PM
DGCA IMPOSED FINE ON INDIGO: नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इंडिगो फ्लाइट पर भारी जुर्माना लगाया है। दरअसल, एयरपोर्ट पर एक विकलांग बच्चे को 7 मई को प्लेन में चढ़ने से रोकने को लेकर इंडिगो पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया है। डीजीसीए ने यह जानकारी दी है कि उसके द्वारा की गई जांच में सामने आया है कि एयरलाइन स्टाफ ने बच्चे के साथ बेहद खराब बर्ताव किया जिसकी वजह से यह मामला इतना बढ़ गया।
डीजीसीए ने दी जानकारी डीजीसीए ने जानकारी देते हुए बताया है, 'ऐसी घटना भविष्य में न हो यह सुनिश्चित करने के लिए वह अपने दिशा-निर्देशों में बदलाव करेगा। अगर इस मामले को सहानुभूति के साथ संभाला गया होता तो बात इतनी नहीं बढ़ी होती कि यात्री को बोर्डिंग के लिए मना किया जाता।'नियमों के अनुरुप नहीं हुआ बर्तावडीजीसीए ने बताया है, 'विशेष परिस्थितियां और बेहतर प्रतिक्रिया की मांग करती हैं। लेकिन एयरलाइन का स्टाफ परिस्थिति को संभाल नहीं पाया और नागरिक उड्डयन नियमों की भावना को बनाए रखने में चूक गया।'
लोगों में था आक्रोश गौरतलब है कि 7 मई को एक विकलांग बच्चे को एयरलाइन के ग्राउंड स्टाफ ने बोर्डिंग से रोक दिया था, इसके बाद वहां काफी आक्रोश भड़का था। इस फैसले की चारों ओर आलोचना हो रही थी जिसके बाद नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने इस पर संज्ञान लेते हुए जांच शुरू की थी। मामला तब सामने आया जब रांची-हैदराबाद फ्लाइट की यात्री मनीषा गुप्ता ने उस बच्चे और उसके माता-पिता को ग्राउंड स्टाफ के कारण हुई परेशानी का वृतांत लोगों के सामने रखा।
डीजीसीए ने दी जानकारी डीजीसीए ने जानकारी देते हुए बताया है, 'ऐसी घटना भविष्य में न हो यह सुनिश्चित करने के लिए वह अपने दिशा-निर्देशों में बदलाव करेगा। अगर इस मामले को सहानुभूति के साथ संभाला गया होता तो बात इतनी नहीं बढ़ी होती कि यात्री को बोर्डिंग के लिए मना किया जाता।'नियमों के अनुरुप नहीं हुआ बर्तावडीजीसीए ने बताया है, 'विशेष परिस्थितियां और बेहतर प्रतिक्रिया की मांग करती हैं। लेकिन एयरलाइन का स्टाफ परिस्थिति को संभाल नहीं पाया और नागरिक उड्डयन नियमों की भावना को बनाए रखने में चूक गया।'
लोगों में था आक्रोश गौरतलब है कि 7 मई को एक विकलांग बच्चे को एयरलाइन के ग्राउंड स्टाफ ने बोर्डिंग से रोक दिया था, इसके बाद वहां काफी आक्रोश भड़का था। इस फैसले की चारों ओर आलोचना हो रही थी जिसके बाद नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने इस पर संज्ञान लेते हुए जांच शुरू की थी। मामला तब सामने आया जब रांची-हैदराबाद फ्लाइट की यात्री मनीषा गुप्ता ने उस बच्चे और उसके माता-पिता को ग्राउंड स्टाफ के कारण हुई परेशानी का वृतांत लोगों के सामने रखा।