New Chief Justice of India / भारत के नए चीफ जस्टिस बने धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ,राष्ट्रपति मुर्मू ने दिलाई शपथ

सुप्रीम कोर्ट के मोस्ट सीनियर जज धनंजय वाई. चंद्रचूड़ भारत के नए मुख्य न्यायधीश (सीजेआई) बने। आज यानी बुधवार को उन्होंने CJI पद की शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में देश के 50वें CJI जस्टिस चंद्रचूड़ को पद की शपथ दिलाई। जस्टिस चंद्रचूड़ अपने ऐतिहासिक फैसलों को लेकर काफी चर्चा में रहे हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 तक दो साल के लिए इस पद पर रहेंगे।

Vikrant Shekhawat : Nov 09, 2022, 11:22 AM
New Chief Justice of India: सुप्रीम कोर्ट के मोस्ट सीनियर जज धनंजय वाई. चंद्रचूड़ भारत के नए मुख्य न्यायधीश (सीजेआई) बने। आज यानी बुधवार को उन्होंने CJI पद की शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में देश के 50वें CJI जस्टिस चंद्रचूड़ को पद की शपथ दिलाई। जस्टिस चंद्रचूड़ अपने ऐतिहासिक फैसलों को लेकर काफी चर्चा में रहे हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 तक दो साल के लिए इस पद पर रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश 65 साल की उम्र तक पद पर बने रह सकते हैं। वह न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित का स्थान लेंगे जिन्होंने 11 अक्टूबर को उन्हें अपना उत्तराधिकारी बनाए जाने की सिफारिश की थी। यू.यू ललित को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 17 अक्टूबर को CJI नियुक्त किया था। 

अपने इन ऐतिहासिक फैसलों की वजह से रहे चर्चा में

देश के 50वें मुख्य न्यायधीश धनंजय वाई चंद्रचूड़ नागरिकों के मौलिक अधिकारों को लेकर संवेदनशील और हनन करने वालों के प्रति कड़े रूख के लिए जाने जाते हैं। वह कई संविधान पीठ और ऐतिहासिक फैसले देने वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठों का हिस्सा रहे हैं। इनमें अयोध्या भूमि विवाद, IPC की धारा 377 के तहत समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने, आधार योजना की वैधता से जुड़े मामले, सबरीमला मुद्दा, सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने, भारतीय नौसेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने जैसे फैसले शामिल हैं। इसके आलावा चंद्रचूड़ ने महिलाओं के अधिकारों के नई सोच के साथ परिभाषित करते हुए महिलाओं के प्रजनन अधिकारों को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया। अविवाहित या अकेली गर्भवती महिलाओं को 24 सप्ताह तक गर्भपात करने से रोकने के कानून को रद्द कर सभी महिलाओं को ये अधिकार दिया है। पहली बार मेरिटल रेप को परिभाषित करते हुए पति द्वारा जबरन यौन संबंध बनाने से गर्भवती विवाहित महिलाओं को भी नया अधिकार दिया है। इसके आलावा उन्होंने अभी हाल ही में नोएडा एक्सप्रेस वे पर बनाई गई सुपरटेक ट्विन टॉवर को भी ध्वस्त करने के आदेश दिए थे। वहीं सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले पत्रकार जुबैर कुरैशी को तुरंत जमानत पर रिहा करने का आदेश भी इन्होंने ही दिया था।

पहली बार पिता के बाद बेटा CJI

धनंजय वाई. चंद्रचूड़ के पिता लगभग सात साल और चार महीने तक भारत के मुख्य न्यायधीश (CJI) रहे थे, जो शीर्ष अदालत के इतिहास में किसी CJI का सबसे लंबा कार्यकाल रहा है। वह 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक मुख्य न्यायाधीश रहे। यह पहली बार होगा जब पिता के बाद बेटा भी भारत का मुख्य न्यायधीश बनेगा। अब पिता की विरासत को संभालने के लिए न्यायमूर्ति धनंजय वाई. चंद्रचूड़ भी उनके ही नक्शे कदमों पर चल रहे हैं। चंद्रचूड़ अपने कई ऐतिहासिक फैसलों को लेकर चर्चा में रहे हैं। बता दें कि देश के 50वें मुख्य न्यायधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ बड़े ही धैर्य से मामलों की सुनवाई करते हैं। कुछ दिन पहले ही जस्टिस चंद्रचूड़ ने लगातार दस घंटे तक सुनवाई की थी। सुनवाई पूरी करते हुए उन्होंने कहा भी था कि कर्म ही पूजा है। कानून और न्याय प्रणाली की अलग समझ की वजह से जस्टिस चंद्रचूड़ ने दो बार अपने पिता पूर्व चीफ जस्टिस यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ के फैसलों को भी पलटा है।

धनंजय वाई. चंद्रचूड़ का करियर

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 11 नवंबर 1959 को पैदा हुए और 13 मई 2016 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किए गए थे। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 29 मार्च 2000 से 31 अक्टूबर 2013 तक मुंबई हाईकोर्ट के न्यायाधीश थे। उसके बाद उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ को जून 1998 में मुंबई हाईकोर्ट द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता नामित किया गया था और वह उसी वर्ष एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किए गए। उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीए ऑनर्स किया। उन्होंने कैंपस लॉ सेंटर, दिल्ली विश्वविद्यालय से LLB किया और अमेरिका के हार्वर्ड लॉ स्कूल से LLM और न्यायिक विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।