महाराष्ट्र / क्या नकली वैक्सीन लगाने वालों के शरीर में एंटीबॉडीज़ बनीं?: बीएमसी से बॉम्बे एचसी

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई में नकली कोविड-19 वैक्सीन घोटाले पर चिंता जताते हुए गुरुवार को बीएमसी से पूछा कि नकली वैक्सीन लगवाने वालों की मौजूदा स्थिति क्या है? हाईकोर्ट ने बीएमसी से कहा कि इन सभी लोगों के शरीर में एंटीबॉडी का परीक्षण किया जाना चाहिए व उनके शरीर में नकली वैक्सीन के प्रभाव का पता लगाया जाना चाहिए।

मुंबई: महाराष्ट्र में जो कोरोना टीकाकरण घोटाला (Vaccination scam) हुआ है, उसपर गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने चिंता जताई है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने BMC से पूछा कि कितने लोग इस टीकाकरण घोटाले के शिकार हुए और उनकी मौजूदा स्थिति क्या है? कोर्ट ने BMC से यह भी पता लगाने को कहा है कि क्या उन लोगों में एंटीबॉडी बनी हैं?

बॉम्बे हाईकोर्ट कोरोना टीकाकरण में लोगों को जो समस्या आई हैं, उनसे जुड़ी एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था. उस दौरान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस जे एस कुलकर्णी की डिवीजन बेंच ने फर्जी टीकाकरण वाले मामलों का जिक्र किया.

कोर्ट ने पूछा - फर्जी वैक्सीन के बाद क्या असर हुआ?

बेंच ने कहा, 'बहुत से लोग वैक्सीन घोटाले के शिकार हुए हैं. हमें उनकी चिंता है. फर्जी वैक्सीन का उनपर क्या असर हुआ है. क्या उनको एंटीबॉडी बनी हैं. अगर उनको सैलाइन वाटर या कुछ और दिया गया होगा तो उसका क्या असर होगा.'

कोर्ट ने आगे पूछा कि कितने लोग इस वैक्सीन घोटाले के शिकार हुए हैं. इसपर सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि कुल मिलाकर 2053 लोग इस वैक्सीन घोटाले का शिकार हुए. इसमें 514 लोग बोरिवली, 365 लोग वर्सोवा, कांदिवली में 398, लोअर परेली में 207 और मलाड में 30 मामले सामने आए हैं. कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामले आगे रुकने चाहिए. उन्होंने प्रशासन को पांच दिन का वक्त दिया है. इस वक्त में उन्हें ऐसा प्लान तैयार करना है, जिससे आगे ऐसे घोटाले ना हो सकें.

वैक्सीन घोटाले में अबतक कुल 6 आरोपियों को पकड़ा जा चुका है. इस मामले में अब तक 400 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज हो चुके हैं.