Vikrant Shekhawat : Jan 12, 2023, 01:55 PM
Samosa Caucus Club USA: अमेरिका (US) में समोसा कॉकस (Samosa Caucus) एक खास समूह है. सात समंदर पार भारतीय मूल के अमेरिकी राजनेताओं को अनौपचारिक तौर पर समोसा कॉकस (Samosa Caucus) कहा जाता है. अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव हो या यूएस का मिड टर्म इलेक्शन हमेशा इस खास ग्रुप की खबरें सुर्खियों में रहती हैं. समोसा कॉकस ने किया 'थानेदार' का स्वागत‘समोसा कॉकस’ के भारतीय अमेरिकी सांसदों ने अमेरिकी प्रतिनिधिसभा में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं के एक विशेष समूह में मिस्टर 'थानेदार' के शामिल होने का स्वागत किया है. आपको बताते चलें कि थानेदार पिछले साल नवंबर में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गए पांचवें भारतीय-अमेरिकी हैं. जो बिजनेसमैन से नेता बने हैं. थानेदार की जीत चार भारतीय अमेरिकी डेमोक्रेटिक सांसदों- डॉ एमी बेरा, प्रमिला जयपाल, रो खन्ना तथा राजा कृष्णमूर्ति के अमेरिकी संसद के निचले सदन यानी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के लिए पुनर्निर्वाचन के बाद हुई है. What is Samosa Caucus- समोसा कॉकस की कहानीअमेरिका में समोसा कॉक्स की कहानी साल 2016 में शुरू होती है, जब पहली बार अमेरिका की संसद में कुछ भारतीय मूल के सांसद चुने गए. जो अक्सर आपस में मुलाकात करते थे. तभी ऑफ रिप्रिजेंटेटिव के मेंबर राजा कृष्णमूर्ति ने पहली बार इस क्लब का नाम समोसा कॉक्स रख दिया था. जिसकी एक अहम सदस्य आगे चलकर अमेरिका की अगली उपराष्ट्रपति बनीं. सांसद राजा कृष्णमूर्ति के दिए इस नाम का मकसद अमेरिकी कांग्रेस में ‘देसी’ सांसदों की बढ़ती संख्या को रेखांकित करना था.'कॉकस की कहानी सांसदों की जुबानी'इस इंडो-अमेरिकन एलीट क्लब के मेंबर और सांसद बेरा ने कहा, ‘जब मैंने 2013 में कार्यभार संभाला था, तब मैं कांग्रेस में इकलौता भारतीय अमेरिकी सदस्य था और इतिहास में तीसरा. उस दिन के बाद से मैं इस बात के लिए प्रतिबद्ध था कि हम कांग्रेस में अपने प्रतिनिधित्व को और बढ़ाएं.’उन्होंने कहा, ‘पिछले दशक में मेरे साथ भारतीय अमेरिकी -जयपाल, खन्ना और कृष्णमूर्ति शानदार सहयोगी बने और इसके लिए मुझे गर्व है. 118वें कांग्रेस के गठन के साथ हमारा संगठन विस्तृत हुआ है क्योंकि इसमें थानेदार शामिल हुए हैं.’महिला सदस्य का दावासांसद जयपाल ने कहा, ‘जब हमारे पास सबसे विविध कांग्रेस है, मुझे एहसास है कि देश भर में प्रत्येक समुदाय तथा संस्कृति के लिए प्रतिनिधित्व कितना मायने रखता है. मैं गौरवान्वित नागरिक हूं, प्रतिनिधिसभा के लिए निर्वाचित पहली दक्षिण अमेरिकी महिला हूं. जो अपने कर्तव्यों को पूरा करने के लिए कोई भी फैसला लेने से पीछे नहीं हटेगी’.'थानेदार' का बयानस्वागत के बाद थानेदार ने कहा, ‘कांग्रेस के नए सदस्य तथा भारतीय-अमेरिकी सांसदों के एक शानदार समूह के नए सदस्य के रूप में मैं अमेरिकी लोगों के लिए काम करने को उत्सुक हूं. मैं कांग्रेस में हमारे ऐतिहासिक प्रतिनिधित्व को बढ़ाने में बेरा, जयपाल, खन्ना और कृष्णमूर्ति के साथ जुड़ने तथा आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा देने की उम्मीद करता हूं.’