Bollywood / डॉली किट्टी और वो चमकते सितारे फिल्म रिव्यू

महिलाओं के विषय को बेहतरीन डॉयलॉग और कहानी से समझाया गया। डॉली किट्टी और वो चमकते सितारे को फिल्म रिव्यू के तौर पर बेहतरीन सितारे तो मिलने ही चाहिए। डायरेक्टर अलंकृता श्रीवास्तव जो पहले भी 'लिपस्टीक अंडर माय बुर्का' बना चुकी हैं उन्होंने डॉली और किट्टी के कहानी के जरिए फिर एक बार फिमेल

Vikrant Shekhawat : Sep 19, 2020, 11:02 PM
न्यूज हैल्पलाइन . मुम्बई | महिलाओं के विषय को बेहतरीन डॉयलॉग और कहानी से समझाया गया। डॉली किट्टी और वो चमकते सितारे को फिल्म रिव्यू के तौर पर बेहतरीन सितारे तो मिलने ही चाहिए। डायरेक्टर अलंकृता श्रीवास्तव जो पहले भी  'लिपस्टीक अंडर माय बुर्का' बना चुकी हैं उन्होंने डॉली और किट्टी के कहानी के जरिए फिर एक बार फिमेल डिसायर विषय पर बात ना करनेवाले समज के सामने अपनी कहानी रखती और और महिलाओं की भी फ्रीडम वाली जिंदगी को पुरूषों की जिंदगी बेहतरीन ढंग से पेश किरती नजर आई। जहां फिल्म में किसी पुरुष को जबरदस्ती किसी प्रकार का नीचा नहीं दिखाया गया। वहीं फिल्म के बोल्ड सीन्स की बात करें तो वह कुछ हद तक स्क्रीप्ट की डिमांड के तौर पर फिल्माई गई हैं।


फिल्म एहसास, बहादुरी, रोकथाम और तौर-तरीकों की जंजीरों को तोड़ते हुए महिलाओं के फ्रीडम से भरी जिंदगी को उजागर करता हैं। 


 फिल्म की कहानी:- 


डॉली (कोकंणा सेन शर्मा) दिल्ली एनसीआर में अपने पति और बच्चों संग एक मिडिल क्लास परिवार की तरह रहती है जहां उन्हें फ्लेट के इंस्टालमेंट और मॉल, जिम जैसे बढ़चली कल्चर में शामिल होने के लिए खर्च के बारे में पहले सोचना पड़ता है।

 वहीं डॉली की जिंदगी तब बदलती है जब उसकी चचेरी बहन काजल यानी की किट्टी (भूमि पेडनेकर) बिहार से उनके साथ उनके घर दिल्ली में रहने आती है। तब दोनों साथ मिलकर अपनी जिंदगी को अपने तरीके से जीने की कोशिश करते हैं।


और फिर फिल्म के अन्य किरदार आमीर बशीर जो डॉली का पति का किरदार निभाते हैं उनके अलावा उसमान (अमोल पराशर) और प्रदीप (विक्रांत मैस्सी) से कहानी जोड़ी जाती है। जहां डाॅली और किट्टी के डिसायर, फ्रसस्ट्रेशन और एम्बिशनस को बतौर मैन कहानी के तौर पर दिखाया जाता है। जहां क्लाइमेक्स का सीन बड़ी ही साधारणता से डॉली और किट्टी के किरदार को उनकी मन की आवाज़ से बंया करता है।


फिल्म में भले ही कुछ जगह डॉयलॉग को पूरे ढंग से समझाया गया वहीं कुछ सीन सीधे-सीधे कहानी के अनुसार दिखाने और क्लाइमेक्स को आसान तरीके से समझाने जैसे कुछ जगह आलोचनात्मक हैं। पर स्क्रीप्ट के अनुसार यह जरूरी भी लगता हैं। 

अंलकृता द्वारा उठाए गए इस मुद्दे को जो इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में बहुत मुश्किल से बनाई जाती है वह समाज की सोच को कुछ हद तक बदलने के लिए बेहद जरूरी है इसलिए डॉली किट्टी और वो चमकते सितारे को फिल्मी सितारें देना ज्यदा जरूरी है।


नेटफ्लिक्स ओरीजनल फिल्म 'डॉली किट्टी और वह चमकते सितारे' में भूमि पेडनेकर और कोंकणा सेन के अलावा विक्रांत मैस्सी, अमोल पाराशर, कुबरा सेठ और करन कुंद्रा भी नजर आएंगे। इस फिल्म को अलनंकृता श्रीवास्तव ने डायरेक्ट किया और एकता कपूर एंव शोभा कपूर ने प्रोड्यूस किया हैं।