Vikrant Shekhawat : Oct 16, 2024, 10:20 AM
UP By Election: महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनावों की घोषणा के साथ ही उपचुनावों की भी बात चल रही है। इस बीच उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर विधानसभा सीट चर्चा का केंद्र बनी हुई है। चुनाव आयोग ने इस सीट पर उपचुनाव न कराने का निर्णय लिया है, जोकि पूर्व सपा सांसद अवधेश प्रसाद के इस्तीफे के कारण खाली हुई है। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब अन्य नौ सीटों पर उपचुनाव की घोषणा की गई है, जिससे इस मामले में कई सवाल उठ रहे हैं।
इलेक्शन पिटीशन एक कानूनी प्रक्रिया है जिसमें किसी चुनाव परिणाम की वैधता को चुनौती दी जाती है। यह प्रक्रिया जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत आती है, और इसके लिए याचिकाकर्ता का नामांकित होना जरूरी है। याचिका दाखिल होने के बाद सभी दस्तावेज सील कर दिए जाते हैं, और हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट इस पर सुनवाई करते हैं।
मिल्कीपुर सीट की राजनीतिक अहमियत
मिल्कीपुर विधानसभा सीट अयोध्या जिले में स्थित है और इसे सियासी गलियारों में हॉट सीट माना जाता है। इस सीट का राजनीतिक इतिहास काफी रोचक है। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सपा ने मिल्कीपुर के विधायक अवधेश प्रसाद को फैजाबाद सीट से उम्मीदवार बनाया। उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार लल्लू सिंह को हराकर फैजाबाद में सपा की जीत को सुनिश्चित किया। इस जीत ने अवधेश को सपा के पोस्टर बॉय बना दिया और इसके बाद से वह हमेशा अखिलेश यादव के साथ दिखाई देने लगे। इस जीत से भाजपा को एक बड़ा झटका लगा, खासकर तब जब अयोध्या की भूमि से भाजपा ने अपने राजनीतिक उत्थान की शुरुआत की थी।उपचुनाव न होने के कारण
चुनाव आयोग ने मिल्कीपुर में उपचुनाव न कराने का निर्णय लेते हुए कहा है कि इस सीट पर चुनाव 'इलेक्शन अंडर पिटीशन' होने के कारण नहीं कराए जा सकते। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि यह स्थिति बंगाल की बशीरहाट लोकसभा सीट पर भी है, जहां सांसद के निधन के कारण उपचुनाव नहीं हो रहा है।इलेक्शन पिटीशन का क्या मतलब है?इलेक्शन पिटीशन एक कानूनी प्रक्रिया है जिसमें किसी चुनाव परिणाम की वैधता को चुनौती दी जाती है। यह प्रक्रिया जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत आती है, और इसके लिए याचिकाकर्ता का नामांकित होना जरूरी है। याचिका दाखिल होने के बाद सभी दस्तावेज सील कर दिए जाते हैं, और हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट इस पर सुनवाई करते हैं।