Vikrant Shekhawat : Jan 23, 2024, 04:30 PM
Business News: दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क पर भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफी बड़ा प्रभाव है. इसका सुबूत उन्होंने खुद दे दिया है. एलन मस्क ने भारत के लिए एक ऐसी डिमांड कर डाली है, जिससे चीन से लेकर अमेरिका तक सब शॉक्ड हो गए हैं. जी हां उन्होंने कह दिया है कि यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल में भारत का होना काफी जरूरी है.उन्होंने कहा कि भारत यूएनएससी काउंसिल में ना होना काफी हास्यास्पद है. भारत दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है. जिसकी इकोनॉमिक ग्रोथ दुनिया के तमाम बड़े देशों के मुकाबले सबसे ज्यादा है. आज भारत दुनिया के चीन से बड़ा बाजार और मैन्युफैक्चरिंग हब बनता जा रहा है. जिसकी वजह से भारत की यूएनएससी में बडी दावेदारी बनती है.वास्तव में अफ्रीका को यूएन की परमानेंट मेंबरशिप देने की डिमांड को लेकर यूएन जीएस एंटोनियो गुटरेस के एक ट्वीट के जवाब में पूछे गए एक सवाल के जवाब में एलन मस्क की ओर से बड़ा बयान आया है. एलन मस्क ने कहा कि हमें यूएन की तमाम बॉडीज की रिव्यू की जरुरत है.एलन मस्क का मिला भारत को साथदुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति ने कहा कि यूएन बॉडीज का रिव्यू करना काफी जरूरी हो गया है. सबसे बड़ी प्रॉब्लम यही है कि जिन देशों के पास ज्यादा पॉवर आ गई है, वे इसे छोड़ना नहीं चाहते हैं. इस प्लेनेट में जिस देश के पास सबसे ज्यादा आबादी है, उसे यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की परमानेंट मेंबरशिप ना देना काफी हास्यास्पद है. उन्होंने अफ्रीका के लिए भी सिफारिश करते हुए कहा कि सामूहिक रूप से एक सीट यूएनएससी में होनी चाहिए.सितंबर में होगा शिखर सम्मेलनइससे पहले यूएन के महासचिव ने ट्वीट कर कहा कि हम इस बात को कैसे स्वीकार कर सकते हैं कि अफ्रीका स्थायी सदस्य सुरक्षा परिषद में नहीं है?’ यूएन के महासचिव ने कहा कि यूएन की तमाम बॉडीज को मौजूदा दुनिया को दिखाना चाहिए ना कि 80 साल पहले की दुनिया को. तब से अब तक में काफी बदलाव आ चुका है. सितंबर के महीने में शिखर सम्मेलन होगा, जिसमें ग्लोबल एडमिनिस्ट्रेशन पर फिर से मंथन करने और उस पर विश्वास को फिर से बहाल करने का अवसर होगा.भारत के सामने चीन है सबसे बड़ी मुसीबातएलन मस्क का सपोर्ट ऐसे समय पर आ गया है जब भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूएनएससी में स्थायी सदस्यता को लेकर बड़ा बयान दिया था. जयशंकर ने कहा था कि दुनिया कुछ भी आसानी से नहीं देती, कभी-कभी उन सब चीजों को दुनिया से लेना पडता है. यूएन में स्थाई सदस्यता को लेकर भारत का सबसे बड़ा रोड़ा चीन बना हुआ है. चीन को डर है कि अगर भारत सिक्योरिटी काउंसिल की परमानेंट मेंबरशिप हासिल कर लेगा तो उसका एशिया में उसका प्रभाव कम हो जाएगा.