Zee News : Jul 31, 2020, 12:49 PM
ब्रसेल्स: यूरोपीय संघ (EU) ने साइबर हमलों (Cyber Attacks) पर पहली बार प्रतिबंध लगाते हुए उन्हें कथित रूसी सैन्य एजेंटों, चीनी साइबर जासूसों और उत्तर कोरिया (North Korea) की एक कंपनी समेत कुछ अन्य संगठनों पर लागू किया है।जिन छह लोगों और तीन समूहों पर ये प्रतिबंध लगाए गए हैं उनमें रूस की जीआरयू सैन्य खुफिया एजेंसी भी शामिल है। यूरोपीय संघ मुख्यालय ने एक बयान में उन्हें 2017 के 'वाना क्राय' रैंसमवेयर और 'नॉटपेट्या' मालवेयर हमलों तथा 'क्लाउड हॉपर' साइबर जासूसी अभियान के लिए जिम्मेदार बताया है।ईयू विदेश नीति प्रमुख जोसेफ बोरेल ने गुरुवार को कहा था कि ये प्रतिबंध 'व्यक्तियों के संबंध में यात्रा पर और संपत्तियों के लेन-देन पर रोक है तथा कंपनियों एवं निकायों की संपत्ति के हस्तांतरण पर रोक है। इसके साथ ही सूचीबद्ध व्यक्तियों और कंपनियों एवं निकायों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर निधि उपलब्ध कराना भी प्रतिबंधित किया गया है।'जीआरयू सदस्यों के तौर पर पहचाने गए चार रूसी नागरिकों पर नीदरलैंड के संगठन 'प्रोहिबिशन ऑफ केमिकल वेपन्स' या ओपीसीडब्ल्यू का वाई-फाई नेटवर्क हैक करने का आरोप है इस संगठन ने सीरिया में रसायनिक हथियारों के प्रयोग की जांच की थी। 2018 में हुए इस हमले को डच अधिकारियों ने विफल कर दिया था।जीआरयू पर नोटपेट्या के लिए भी प्रतिबंध लगाए गए हैं जिसने यू्क्रेन के साथ कारोबार करने वाली कंपनियों को निशाना बनाया था और विश्व भर में इसके कारण अरबों डॉलर का नुकसान हुआ था तथा 2015 और 2016 में यूक्रेन की पावर गिर्ड पर साइबर हमले भी किए गए।वहीं प्रतिबंधित दो चीनी नागरिकों पर 'ऑपरेशन क्लाउड हॉपर' में संलिप्तता का आरोप है। इसके बारे में ईयू का कहना है कि इसने क्लाउड सेवा प्रदाताओं के जरिए छह द्वीपों की कंपनियों को प्रभावित किया था और 'व्यावसायिक दृष्टि से संवेदनशील डेटा तक अनधिकृत पहुंच बनाई थी जिससे काफी आर्थिक नुकसान हुआ था।'इसके अलावा उत्तर कोरियाई कंपनी चोसून एक्सपो पर प्रतिबंध लगाए गए हैं जिसके बारे में ईयू का कहना है कि उसने वाना क्राय साइबर हमलों, सेनी पिक्चर्स की हैकिंग और वियतनामी तथा बांग्लादेशी बैंकों की साइबर लूट में सहयोग किया है।