Vikrant Shekhawat : Jul 30, 2021, 04:53 PM
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) का संक्रमण एक बार हो जाए तो आमतौर पर हमें लगता है कि अब हमारे पास एंटीबॉडी है हमें दोबारा संक्रमण नहीं होगा। वहीं अगर वैक्सीन (Vaccine) की दोनों डोज लग जाएं, तब तो हम और ज्यादा बेफिक्र हो जाते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे केस के बारे में बताएंगे, जहां वैक्सीन लगने के बाद भी एक महिला को दो बार कोरोना वायरस ने अपनी चपेट में लिया। वैक्सीन लगने से पहले भी इन्हें एक बार कोरोना संक्रमण हो चुका था।
वैक्सीन लगाने के बाद भी दो बार संक्रमणडॉ। वीणा अग्रवाल डॉक्टर केके अग्रवाल की पत्नी है। डॉ। केके अग्रवाल का हाल ही में कोरोना वायरस संक्रमण से निधन हो गया। उन्हें भी वैक्सीन की दोनों डोज लगाई जा चुकी थी। डॉ।वीणा अग्रवाल देश का ऐसा पहला केस हैं, जो वैक्सीन लगने के बाद दो बार कोरोना वायरस से संक्रमित हुई हैं।
जीनोम सीक्वेंसिंग में अलग-अलग वेरिएंटये जिनोम सीक्वेंसिंग से भी प्रूफ हो चुका है कि दोनों बार इन्हें अलग-अलग वेरिएंट ने अपना शिकार बनाया। कोरोना वायरस की पहली लहर के दौरान पिछले वर्ष 10 अप्रैल को डॉ। वीणा को यह संक्रमण हुआ था। हालांकि कोई लक्षण नहीं थे। कहीं ट्रैवल करने के लिए जब उन्होंने आरटी पीसीआर टेस्ट करवाया, तब उन्हें पता चला कि वह कोविड से संक्रमित हैं। हालांकि दो दिन में ही वह पूरी तरह ठीक हो गई थीं।कोरोना वायरस की दूसरी और खतरनाक लहर में डॉ। वीणा को इस वर्ष अप्रैल में एक बार फिर संक्रमण हुआ इस बार उन्हें वैक्सीन भी लगी हुई थी, लेकिन उनमें पेट में दर्द और बुखार के लक्षण थे। 15 दिन में वह इस संक्रमण से भी उबर गईं, लेकिन ठीक इसके बाद उनके पति डॉ। केके अग्रवाल कोविड-19 संक्रमण की चपेट में आ गए।डॉक्टर वीणा ये सोचकर उनका इलाज करती रहीं कि वह पहले ही कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुकी हैं इसलिए अब उन्हें दोबारा संक्रमण नहीं होगा, लेकिन 3 मई को उन्हें फिर से बुखार हो गया। हालांकि डॉक्टर यह मानने को तैयार नहीं थे कि यह नया संक्रमण है।डेल्टा वेरिएंट से संक्रमणअप्रैल और मई के बीच दोनों बार डॉ। वीणा में कोविड के अलग-अलग लक्षण थे, इसलिए इस बार डॉक्टर वीणा के दोनों सैंपल्स की जिनोम सीक्वेंसिंग करवाई गई। इसमें पता चला कि अप्रैल 2021 में उन्हें अल्फा वेरिएंट ने अपना शिकार बनाया था, जबकि मई 2021 में डॉ। केके अग्रवाल और डॉ। वीणा अग्रवाल दोनों को डेल्टा वेरिएंट ने संक्रमित किया। इस बार दोनों की हालत बेहद गंभीर थी और इसी संक्रमण की वजह से डॉ। केके अग्रवाल की मौत हो गई।
19 दिन के अंदर इंफेक्शन का अनोखा केस हालांकि आईसीएमआर के मुताबिक, कोरोना वायरस का नया इंफेक्शन तभी माना जाता है, जब पहले और दूसरे इंफेक्शन के बीच कम से कम 102 दिन का अंतर हो, लेकिन 19 दिन के अंदर दो बार इंफेक्शन का यह केस एकदम नया और अनोखा है भारत के इस पहले केस को जल्द ही अंतरराष्ट्रीय जर्नल में पब्लिश किया जा रहा है।
वैक्सीन लगाने के बाद भी दो बार संक्रमणडॉ। वीणा अग्रवाल डॉक्टर केके अग्रवाल की पत्नी है। डॉ। केके अग्रवाल का हाल ही में कोरोना वायरस संक्रमण से निधन हो गया। उन्हें भी वैक्सीन की दोनों डोज लगाई जा चुकी थी। डॉ।वीणा अग्रवाल देश का ऐसा पहला केस हैं, जो वैक्सीन लगने के बाद दो बार कोरोना वायरस से संक्रमित हुई हैं।
जीनोम सीक्वेंसिंग में अलग-अलग वेरिएंटये जिनोम सीक्वेंसिंग से भी प्रूफ हो चुका है कि दोनों बार इन्हें अलग-अलग वेरिएंट ने अपना शिकार बनाया। कोरोना वायरस की पहली लहर के दौरान पिछले वर्ष 10 अप्रैल को डॉ। वीणा को यह संक्रमण हुआ था। हालांकि कोई लक्षण नहीं थे। कहीं ट्रैवल करने के लिए जब उन्होंने आरटी पीसीआर टेस्ट करवाया, तब उन्हें पता चला कि वह कोविड से संक्रमित हैं। हालांकि दो दिन में ही वह पूरी तरह ठीक हो गई थीं।कोरोना वायरस की दूसरी और खतरनाक लहर में डॉ। वीणा को इस वर्ष अप्रैल में एक बार फिर संक्रमण हुआ इस बार उन्हें वैक्सीन भी लगी हुई थी, लेकिन उनमें पेट में दर्द और बुखार के लक्षण थे। 15 दिन में वह इस संक्रमण से भी उबर गईं, लेकिन ठीक इसके बाद उनके पति डॉ। केके अग्रवाल कोविड-19 संक्रमण की चपेट में आ गए।डॉक्टर वीणा ये सोचकर उनका इलाज करती रहीं कि वह पहले ही कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुकी हैं इसलिए अब उन्हें दोबारा संक्रमण नहीं होगा, लेकिन 3 मई को उन्हें फिर से बुखार हो गया। हालांकि डॉक्टर यह मानने को तैयार नहीं थे कि यह नया संक्रमण है।डेल्टा वेरिएंट से संक्रमणअप्रैल और मई के बीच दोनों बार डॉ। वीणा में कोविड के अलग-अलग लक्षण थे, इसलिए इस बार डॉक्टर वीणा के दोनों सैंपल्स की जिनोम सीक्वेंसिंग करवाई गई। इसमें पता चला कि अप्रैल 2021 में उन्हें अल्फा वेरिएंट ने अपना शिकार बनाया था, जबकि मई 2021 में डॉ। केके अग्रवाल और डॉ। वीणा अग्रवाल दोनों को डेल्टा वेरिएंट ने संक्रमित किया। इस बार दोनों की हालत बेहद गंभीर थी और इसी संक्रमण की वजह से डॉ। केके अग्रवाल की मौत हो गई।
19 दिन के अंदर इंफेक्शन का अनोखा केस हालांकि आईसीएमआर के मुताबिक, कोरोना वायरस का नया इंफेक्शन तभी माना जाता है, जब पहले और दूसरे इंफेक्शन के बीच कम से कम 102 दिन का अंतर हो, लेकिन 19 दिन के अंदर दो बार इंफेक्शन का यह केस एकदम नया और अनोखा है भारत के इस पहले केस को जल्द ही अंतरराष्ट्रीय जर्नल में पब्लिश किया जा रहा है।