Vikrant Shekhawat : May 04, 2022, 07:53 PM
नई दिल्ली: भारत बायोटेक ने 2 वर्ष से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों पर कोवैक्सीन की बूस्टर खुराक (Covaxin Booster Dose) संबंधी दूसरे/तीसरे चरण के परीक्षण के लिए औषधि नियामक से अनुमति मांगी है। सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को यह जानकारी दी। फिलहाल कोवैक्सीन और कोविशील्ड की एहतियाती खुराक 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के वैसे लोगों को दी जा रही है, जिन्हें दूसरी खुराक लिए हुए 9 महीने पूरे हो चुके हैं।
इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हैदराबाद की कंपनी ने 29 अप्रैल को भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) के समक्ष आवेदन करके कोवैक्सीन की बूस्टर खुराक के दो से 18 वर्ष के बच्चों पर परीक्षण की अनुमति मांगी है।’’ यह अध्ययन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दिल्ली और पटना सहित 6 स्थानों पर किया जाएगा।भारत ने स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कार्यकर्ताओं तथा अन्य बीमारियों वाले 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीके की एहतियाती खुराक इस वर्ष 10 जनवरी से देना शुरू कर दिया था। मार्च में सह-रुग्णता की शर्त खत्म करके 60 एवं अधिक आयु के सभी लोगों को एहतियाती खुराक देने के योग्य माना गया।भारत ने गत 10 अप्रैल को 18 वर्ष की आयु के ऊपर के सभी व्यक्तियों के लिए निजी टीका केंद्रों में एहतियाती खुराक की अनुमति दी थी। फिलहाल कोरोना वायरस से बचाव के लिए कोर्बेवैक्स वैक्सीन 12 से 14 वर्ष की आयु वाले बच्चों को लगाई जा रही है।
भारत में मौजूदा समय में 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को दो कोविड -19 वैक्सीन लगाई जा रही है। देश में बच्चों के टीकाकरण का पहला चरण इस साल 3 जनवरी को शुरू हुआ था, 15-18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए कोविड टीकाकरण की घोषणा की गई थी, जिसे बाद में 16 मार्च से 12 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को कवर करने के लिए विस्तारित किया गया।
इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हैदराबाद की कंपनी ने 29 अप्रैल को भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) के समक्ष आवेदन करके कोवैक्सीन की बूस्टर खुराक के दो से 18 वर्ष के बच्चों पर परीक्षण की अनुमति मांगी है।’’ यह अध्ययन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दिल्ली और पटना सहित 6 स्थानों पर किया जाएगा।भारत ने स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कार्यकर्ताओं तथा अन्य बीमारियों वाले 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीके की एहतियाती खुराक इस वर्ष 10 जनवरी से देना शुरू कर दिया था। मार्च में सह-रुग्णता की शर्त खत्म करके 60 एवं अधिक आयु के सभी लोगों को एहतियाती खुराक देने के योग्य माना गया।भारत ने गत 10 अप्रैल को 18 वर्ष की आयु के ऊपर के सभी व्यक्तियों के लिए निजी टीका केंद्रों में एहतियाती खुराक की अनुमति दी थी। फिलहाल कोरोना वायरस से बचाव के लिए कोर्बेवैक्स वैक्सीन 12 से 14 वर्ष की आयु वाले बच्चों को लगाई जा रही है।
भारत में मौजूदा समय में 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को दो कोविड -19 वैक्सीन लगाई जा रही है। देश में बच्चों के टीकाकरण का पहला चरण इस साल 3 जनवरी को शुरू हुआ था, 15-18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए कोविड टीकाकरण की घोषणा की गई थी, जिसे बाद में 16 मार्च से 12 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को कवर करने के लिए विस्तारित किया गया।