Vikrant Shekhawat : Dec 13, 2022, 12:37 PM
IAF Action on Tawang Clash: हाल ही में भारत और चीन के बीच अरुणाचल प्रदेश के तवांग के करीब यांगत्से में हुई झड़प से पहले भी ड्रैगन अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहा था. चीन के ड्रोन बेहद आक्रामक तरीके से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर स्थित भारतीय चौकियों के करीब आ रहे थे, जिन्हें खदेड़ने के लिए भारतीय वायुसेना को इस क्षेत्र में तैनात लड़ाकू विमानों को भेजना पड़ा.चीन की सेना एलएसी पर होलीदिप और परिक्रमा इलाके की खाली जगह में यांग्त्से में मुद्दों पर आक्रामक व्यवहार कर रही है. यहां चीन भारतीय पोस्टिंग का विरोध करता रहा है. रक्षा सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, 'पिछले कुछ हफ्तों में ऐसे दो-तीन मौके आए हैं, जब हमारे लड़ाकू विमानों ने एएलसी की ओर आते चीनी ड्रोन्स को खदेड़ा है. हवाई क्षेत्र का उल्लंघन रोकने के लिए सुखोई-30MKI को तैनात किया गया है.' आगे सूत्रों ने कहा, नॉर्थ ईस्ट में चीन की ओर से ड्रोन गतिविधियों को रोकने के लिए वायुसेना पैनी नजर रखती है. ड्रोन या कोई और विमान एयरस्पेस का उल्लंघन न करे, इसके लिए एक्शन लेना होगा. सूत्रों के मुताबिक, अगर ड्रोन एलएसी के समानांतर उड़ता है तो भारतीय पक्ष को कोई दिक्कत नहीं है लेकिन अगर ड्रोन या एयरक्राफ्ट को भारतीय सीमा की ओर आते वक्त रडार पकड़ लेता है तो ऐसे उल्लंघनों को रोकने के लिए जरूरी एक्शन लेने होंगे. नॉर्थ ईस्ट में भारतीय वायुसेना ने मजबूत बेस बनाया हुआ है. असम के तेजपुर और चौबा में विभिन्न जगहों पर उसके सुखोई-30 लड़ाकू विमानों को स्क्वॉड्रन तैनात हैं. पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में राफेल लड़ाकू विमानों को तैनात किया गया है. भारतीय वायु सेना ने सिर्फ असम क्षेत्र में एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम के संचालन के साथ इलाके में एयर डिफेंस कवरेज को मजबूत किया है. यह सिस्टम पूरे इलाके में किसी भी हवाई खतरे को नेस्तनाबूद कर सकता है.