Vikrant Shekhawat : Nov 27, 2020, 06:18 AM
पंजाब से लेकर हरियाणा तक किसानों के विरोध का व्यापक असर दिख रहा है। गुरुवार को दिन भर पुलिस और किसानों के बीच झड़प होती रही। कुछ जगहों पर पुलिस को वाटर कैनन और आंसू गैस की गोलियों का भी इस्तेमाल करना पड़ा। लेकिन फिर भी किसान दिल्ली जाने से कतरा रहे हैं। हरियाणा से दिल्ली जा रहे भारतीय किसान यूनियन के किसान दिल्ली से दूर नहीं हैं।
किसान किसी भी कीमत पर दिल्ली जाना चाहते हैं। दूसरी ओर, पुलिस-प्रशासन उन्हें रोकने की पुरजोर कोशिश कर रहा है। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढुनी ने कहा कि अब किसानों का उद्देश्य केवल और केवल दिल्ली तक पहुंचना है और किसी भी मामले में दिल्ली पहुंचना होगा।गुरनाम सिंह चढूनी की अध्यक्षता में किसान मोर्चा हरियाणा का संगठन पानीपत टोल पर खड़ा है। उन्होंने कहा कि रास्ते में बहुत प्रशासन है। हम इसे तोड़ पाएंगे या नहीं, यह तो नहीं कहा जा सकता है लेकिन दिल्ली जरूर पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि हल्दाना सीमा पर जिसे हमें रोकने के लिए खुदाई की गई है, हम पुराने समय से सुनते थे कि राजा ने किले से एक मोर्चा बनाया और किले को खोदा और पानी छोड़ दिया, ताकि दुश्मन की सेना को नुकसान न हो वहा पहुँचो। अब उसी प्रथा को किसानों के लिए आजमाया जा रहा है। अब उन्हें उस खुदाई में पानी छोड़ देना चाहिए। लेकिन हम बताना चाहते हैं कि देश का किसान कभी नहीं रुकता। उन्होंने कहा कि अगर सैनिक समुद्र पर पुल बना सकते हैं, तो दिल्ली पहुंचने का क्या मतलब है?गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है, बाकी को पाकिस्तान द्वारा भाजपा कहा जाता है। लेकिन हम पाकिस्तान से नहीं आए हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस अध्यादेश को वापस नहीं लेती है, तो अगर हमें किसी भी तरह से मरना है, तो हम भूखों मरेंगे। लेकिन आंदोलन जारी रहेगा और तब तक आंदोलन नहीं रुकेगा जब तक सरकार सड़क पर आकर हमसे बात नहीं करती और हमारी मांगों को पूरा नहीं करती।बीकेयू के प्रदेश अध्यक्ष चढुनी ने आगे कहा कि हम कृषि मंत्री के साथ कोई बैठक नहीं करेंगे। हमारी बैठक सीधे प्रधानमंत्री के साथ होगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वार्ता के दौरान आंदोलन जारी रहेगा। किसी भी कीमत पर आंदोलन नहीं रुकेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को सड़क पर आना चाहिए और उससे बात करनी चाहिए। अगर उनकी मांगें मान ली जाती हैं तो वह अपना आंदोलन वापस ले लेंगे।वहीं, भारतीय किसान यूनियन पानीपत के नेता सुरेश दहिया ने कहा कि चाहे लाठी चले या गोलियां, किसान अब रुकने वाला नहीं है। किसानों का काफिला रात में दिल्ली के लिए निकलेगा। किसान पंजाब से यहां आने वाले किसानों के बैच का इंतजार कर रहे हैं।
किसान किसी भी कीमत पर दिल्ली जाना चाहते हैं। दूसरी ओर, पुलिस-प्रशासन उन्हें रोकने की पुरजोर कोशिश कर रहा है। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढुनी ने कहा कि अब किसानों का उद्देश्य केवल और केवल दिल्ली तक पहुंचना है और किसी भी मामले में दिल्ली पहुंचना होगा।गुरनाम सिंह चढूनी की अध्यक्षता में किसान मोर्चा हरियाणा का संगठन पानीपत टोल पर खड़ा है। उन्होंने कहा कि रास्ते में बहुत प्रशासन है। हम इसे तोड़ पाएंगे या नहीं, यह तो नहीं कहा जा सकता है लेकिन दिल्ली जरूर पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि हल्दाना सीमा पर जिसे हमें रोकने के लिए खुदाई की गई है, हम पुराने समय से सुनते थे कि राजा ने किले से एक मोर्चा बनाया और किले को खोदा और पानी छोड़ दिया, ताकि दुश्मन की सेना को नुकसान न हो वहा पहुँचो। अब उसी प्रथा को किसानों के लिए आजमाया जा रहा है। अब उन्हें उस खुदाई में पानी छोड़ देना चाहिए। लेकिन हम बताना चाहते हैं कि देश का किसान कभी नहीं रुकता। उन्होंने कहा कि अगर सैनिक समुद्र पर पुल बना सकते हैं, तो दिल्ली पहुंचने का क्या मतलब है?गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है, बाकी को पाकिस्तान द्वारा भाजपा कहा जाता है। लेकिन हम पाकिस्तान से नहीं आए हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस अध्यादेश को वापस नहीं लेती है, तो अगर हमें किसी भी तरह से मरना है, तो हम भूखों मरेंगे। लेकिन आंदोलन जारी रहेगा और तब तक आंदोलन नहीं रुकेगा जब तक सरकार सड़क पर आकर हमसे बात नहीं करती और हमारी मांगों को पूरा नहीं करती।बीकेयू के प्रदेश अध्यक्ष चढुनी ने आगे कहा कि हम कृषि मंत्री के साथ कोई बैठक नहीं करेंगे। हमारी बैठक सीधे प्रधानमंत्री के साथ होगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वार्ता के दौरान आंदोलन जारी रहेगा। किसी भी कीमत पर आंदोलन नहीं रुकेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को सड़क पर आना चाहिए और उससे बात करनी चाहिए। अगर उनकी मांगें मान ली जाती हैं तो वह अपना आंदोलन वापस ले लेंगे।वहीं, भारतीय किसान यूनियन पानीपत के नेता सुरेश दहिया ने कहा कि चाहे लाठी चले या गोलियां, किसान अब रुकने वाला नहीं है। किसानों का काफिला रात में दिल्ली के लिए निकलेगा। किसान पंजाब से यहां आने वाले किसानों के बैच का इंतजार कर रहे हैं।