Vikrant Shekhawat : Apr 01, 2021, 09:17 PM
कश्मीर: जम्मू-कश्मीर में एक पिता पिछले आठ महीनों से अपने बेटे की तलाश में ज़मीन खोद रहे हैं। मंज़ूर अहमद वागय को उम्मीद है कि एक दिन वे अपने 25 वर्षीय बेटे का शरीर खोज लेंगे। उनका बेटा टेरिटोरियल आर्मी में था और पिछले 8 महीने से गायब है।पिछले साल 2 अगस्त को टेरिटोरियल आर्मी के सिपाही राइफलमैन शाकिर मंज़ूर शोपियां इलाके में बालपोरा से बाहिबाग सेना के कैंप के बीच यात्रा कर रहे थे। इस दौरान चूंकि उस दिन ईद थी इसलिए मंज़ूर अपने परिवार से मिलने घर चले गए और दोपहर का भोजन कर शाम 5 बजे वापस आ गए। उनके 56 वर्षीय पिता मंज़ूर अहमद वागय ने बताया कि वह आखिरी बार था जब उन्होने अपने बेटे को देखा।आखिरी बार शाकिर ने घर से निकालने के आधे घंटे बाद अपने परिवार को फोन किया और कहा था कि वह कुछ दोस्तों के पास जा रहा है। अगर कोई अधिकारी उसके ठिकाने के बारे में पूछे तो वे चिंता न करें। वागय का कहना है कि उसके बेटे का अपहरण हुआ था और वह एक आखिरी बार उनसे बात करना चाहता था।उस दिन कुछ घंटे बाद, शाकिर का वाहन उसके गांव से लगभग 16 किलोमीटर दूर कुलगाम जिले के एक खेत से बरामद किया गया। करीब सात दिन बाद, उसके कपड़े घर से 3 किमी दूर एक खाई में पाए गए। वागय ने जैसे ही शाकिर कि भूरी कमीज और पैंट देखे वह रोने लगे। कपड़े खून से लथपथ थे, जले हुए वाहन के अंदर एक शर्ट का एक टुकड़ा भी मिला है।शाकिर के परीवार का मानना है कि अपहरण के दौरान हुई हाथापाई में यह यहां रह गया होगा। जवान की हत्या के एक हफ्ते बाद, सोशल मीडिया पर एक ऑडियो क्लिप वायरल किया गया। इसमें दावा किया गया “ठीक जैसे एनकाउंटर में मारे गए मिलिटेंट का शव जम्मू-कश्मीर अधिकारियों द्वारा उनके परिवार को नहीं दिया जाता। वैसे ही सैनिक की हत्या के बाद उसके परिवार को उसका शव नहीं दिया जाएगा।”रिकॉर्ड में शाकिर को गायब बताया है। शोपियां पुलिस अधीक्षक अमृतपाल सिंह का कहना है कि “मामले की जांच चल रही है और शव का पता लगाने के प्रयास जारी हैं।” वागय को यकीन है कि उनके बेटे को मार दिया गया है। उन्होने कहा “एक महिला ने चार लोगों को उसे मारते और तड़पते हुए देखा था। कपड़ों पर खून लगा हुआ है, मुझे नहीं लगता कि वह बच सकता है।”