News18 : Aug 17, 2020, 06:49 AM
अमरावती। गोदावरी नदी (Godavari River) के उफान पर होने के कारण आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के पूर्वी और पश्चिमी गोदावरी जिलों में बाढ़ का खतरा जारी है और कई गांव जलमग्न हो चुके हैं। राहत एवं बचाव कार्यों के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की तीन टीम तैनात की गई है। एसडीआरएफ की दो टीम पश्चिम गोदावरी जिले में और एक पूर्वी गोदावरी जिले में तैनात है। एसडीआरएफ की एक और टीम को राजामहेंद्रवरम भेजा जा रहा है। दोवालेश्वरम के सर आर्थर कॉटन बांध में पानी का स्तर 14.84 लाख क्यूसेक पार कर जाने के बाद एक और चेतावनी जारी की गई है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक पूर्वी गोदावरी जिला प्रशासन ने दो हजार लोगों को राहत शिविरों में भेजा है। किसी के हताहत होने या मकानों के क्षतिग्रस्त होने की कोई सूचना नहीं है जबकि फसलों की क्षति का आकलन किया जा रहा है। देवीपटनम सबसे बुरी तरह प्रभावित है क्योंकि मंडल के 36 गांव पूरी तरह डूब गए हैं। पूर्वी गोदावरी के जिलाधिकारी मुरलीधर रेड्डी ने कहा कि प्रभावित मंडलों और गांवों में राहत एवं बचाव अभियान की देखरेख के लिए 32 विशेष टीमों का गठन किया गया है। पश्चिम गोदावरी के पोलावरम, वेलेरुपदु और कुक्कूनूर मंडलों में 38 से अधिक गांव बाढ़ के कारण कटे हुए हैं।
असम में बाढ़ के हालात में कुछ सुधारअसम (Assam) में बाढ़ के हालात में थोड़ा सुधार हुआ है और रविवार को राज्य में इस आपदा से प्रभावित लोगों की संख्या में कमी आई। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के एक बुलेटिन में यह जानकारी दी गयी। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी बुलेटिन में कहा गया कि धेमाजी, लखीमपुर और बक्सा जिलों में रविवार को बाढ़ से कुल 11,812 लोग प्रभावित हुए, जबकि इससे एक दिन पहले 13,300 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए थे। प्राधिकरण ने कहा कि लखीमपुर सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जहां 9,600 लोगों को बाढ़ का दंश झेलना पड़ा है, वहीं धेमाजी में 1,912 और बक्सा में 300 लोग रविवार को प्रभावित हुए हैं। बुलेटिन में बताया गया कि असम में 31 गांव और 1,630 हेक्टेयर खेतों में फैली फसल जलमग्न है।
खतरे के निशान से ऊपर बह रही ब्रह्मपुत्र, अब तक 112 मौतेंइसमें कहा गया कि जोरहाट के निमतीघाट और सोनितपुर जिले के तेजपुर में ब्रह्मपुत्र खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। वहीं, इसकी सहायक नदियां धनसिरी और जिया भराली क्रमश: गोलाघाट जिले के नुमालीगढ़ तथा सोनितपुर के एनटी रोड क्रॉसिंग में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। राज्य में इस साल बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में कुल 112 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें 26 लोग भूस्खलन में मारे गये।
छत्तीसगढ़ में 24 घंटे से लगातार बारिशछत्तीसगढ़ (Chattisgarh) में पिछले 24 घंटे से हो रही लगातार बारिश के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है। राज्य के दक्षिण हिस्से में बस्तर क्षेत्र के कई गांवों का सड़क संपर्क जिला मुख्यालय टूट गया है। राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने रविवार को यहां बताया कि राज्य के कई हिस्सों में लगातार हो रही बारिश को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को सर्तक रहने का निर्देश दिया है। साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ जैसी किसी भी स्थिति पर नजर रखते हुए आपदा प्रबंधन संबंधी सभी आवश्यक उपाए सुनिश्चित करने को कहा है।अधिकारियों ने बताया कि बारिश से बस्तर क्षेत्र का ज्यादातर हिस्सा प्रभावित हुआ है। इस क्षेत्र के बाजपुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिलों में गुजरने वाली ज्यादातर नदियां खतरे के निशान से उपर बह रही हैं। उन्होंने बताया कि इन जिलों में बाढ़ की स्थिति के कारण कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है। अधिकारियों ने बताया कि बीजापुर जिले में बहने वाली मिंगाचल और अन्य नदियों मे बाढ़ आने के कारण लगभग एक सौ गांवों का सड़क संपर्क टूट गया है।ओडिशा के कई हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थितिबंगाल की खाड़ी के ऊपर बने हवा के कम दबाव के क्षेत्र के कारण भारी बारिश होने से ओडिशा (Odisha) के कई हिस्सों में रविवार को बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो गये, फसल को नुकसान पहुंचा और दो लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। मौसम केंद्र ने यहां बताया कि हवा का कम दबाव का क्षेत्र बने होने के कारण राज्य के कई हिस्सों में तेज हवाओं के साथ सोमवार तक भारी से अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है। हालांकि, यह चक्रवात अब कमजोर पड़ रहा है और यह झारखंड तथा पड़ोसी राज्यों की ओर बढ़ गया है। मौसम केंद्र ने यह पूर्वानुमान लगाया है कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर हवा के कम दबाव के एक अन्य क्षेत्र के 19 अगस्त को बनने की संभावना है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने बारिश के चलते टाला दौराउत्तराखंड के अनेक स्थानों पर रविवार को भी बारिश जारी रही जबकि खराब मौसम के कारण मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का पिथौरागढ़ दौरा भी रद्द हो गया। राज्य के अधिकतर स्थानों पर रूक—रूक कर लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है और राष्ट्रीय राजमार्गों सहित कई मार्ग भूस्खलन के चलते बाधित हो गए हैं।राजस्थान में पिछले 24 घंटों के दौरान कुछ स्थानों पर भारी और कई स्थानों पर मध्यम दर्जे की बारिश हुई। मौसम विभाग के प्रवक्ता के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान नागौर के मेडता सिटी में 115 मिलीमीटर, बाडमेर के सेडवा में 100 मिमी, पाली के रायपुर में 85 मिमी, बाडमेर के रामसर में 65 मिमी, जालौर के आहोर में 62 मिमी, टोंक के अलीगढ/उनियारा में 60 मिमी, पाली के रोहट में 55 मिमी, अजमेर में 46 मिमी, जोधपुर में 44।5 मिमी और अन्य कई स्थानों पर 39 मिमी से लेकर 16।1 मिमी तक बारिश दर्ज की गई।
महाराष्ट्र के दो जिलों के लिए रेड अलर्टवहीं मौसम विभाग ने महाराष्ट्र के पुणे और सतारा जिलों में छिटपुट स्थानों पर सोमवार को अत्यधिक भारी बारिश होने का ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने रविवार को बताया कि मौसम के पूर्वानुमान में मुंबई, रायगढ़ और पालघर में सोमवार से भारी बारिश होने की भी बात कही गई है। मंगलवार से बारिश में कमी आने लगेगी। भारत मौसम विभाग ने 24 घंटों में न्यूनतम 204।5 मिमी बारिश होने को अत्यधिक वर्षा की श्रेणी में रखा है। रेड अलर्ट के तहत अधिकारी नुकसान को न्यूनतम करने के लिये एहतियाती कदम उठाते हैं।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक पूर्वी गोदावरी जिला प्रशासन ने दो हजार लोगों को राहत शिविरों में भेजा है। किसी के हताहत होने या मकानों के क्षतिग्रस्त होने की कोई सूचना नहीं है जबकि फसलों की क्षति का आकलन किया जा रहा है। देवीपटनम सबसे बुरी तरह प्रभावित है क्योंकि मंडल के 36 गांव पूरी तरह डूब गए हैं। पूर्वी गोदावरी के जिलाधिकारी मुरलीधर रेड्डी ने कहा कि प्रभावित मंडलों और गांवों में राहत एवं बचाव अभियान की देखरेख के लिए 32 विशेष टीमों का गठन किया गया है। पश्चिम गोदावरी के पोलावरम, वेलेरुपदु और कुक्कूनूर मंडलों में 38 से अधिक गांव बाढ़ के कारण कटे हुए हैं।
असम में बाढ़ के हालात में कुछ सुधारअसम (Assam) में बाढ़ के हालात में थोड़ा सुधार हुआ है और रविवार को राज्य में इस आपदा से प्रभावित लोगों की संख्या में कमी आई। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के एक बुलेटिन में यह जानकारी दी गयी। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी बुलेटिन में कहा गया कि धेमाजी, लखीमपुर और बक्सा जिलों में रविवार को बाढ़ से कुल 11,812 लोग प्रभावित हुए, जबकि इससे एक दिन पहले 13,300 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए थे। प्राधिकरण ने कहा कि लखीमपुर सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जहां 9,600 लोगों को बाढ़ का दंश झेलना पड़ा है, वहीं धेमाजी में 1,912 और बक्सा में 300 लोग रविवार को प्रभावित हुए हैं। बुलेटिन में बताया गया कि असम में 31 गांव और 1,630 हेक्टेयर खेतों में फैली फसल जलमग्न है।
खतरे के निशान से ऊपर बह रही ब्रह्मपुत्र, अब तक 112 मौतेंइसमें कहा गया कि जोरहाट के निमतीघाट और सोनितपुर जिले के तेजपुर में ब्रह्मपुत्र खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। वहीं, इसकी सहायक नदियां धनसिरी और जिया भराली क्रमश: गोलाघाट जिले के नुमालीगढ़ तथा सोनितपुर के एनटी रोड क्रॉसिंग में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। राज्य में इस साल बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में कुल 112 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें 26 लोग भूस्खलन में मारे गये।
छत्तीसगढ़ में 24 घंटे से लगातार बारिशछत्तीसगढ़ (Chattisgarh) में पिछले 24 घंटे से हो रही लगातार बारिश के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है। राज्य के दक्षिण हिस्से में बस्तर क्षेत्र के कई गांवों का सड़क संपर्क जिला मुख्यालय टूट गया है। राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने रविवार को यहां बताया कि राज्य के कई हिस्सों में लगातार हो रही बारिश को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को सर्तक रहने का निर्देश दिया है। साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ जैसी किसी भी स्थिति पर नजर रखते हुए आपदा प्रबंधन संबंधी सभी आवश्यक उपाए सुनिश्चित करने को कहा है।अधिकारियों ने बताया कि बारिश से बस्तर क्षेत्र का ज्यादातर हिस्सा प्रभावित हुआ है। इस क्षेत्र के बाजपुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिलों में गुजरने वाली ज्यादातर नदियां खतरे के निशान से उपर बह रही हैं। उन्होंने बताया कि इन जिलों में बाढ़ की स्थिति के कारण कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है। अधिकारियों ने बताया कि बीजापुर जिले में बहने वाली मिंगाचल और अन्य नदियों मे बाढ़ आने के कारण लगभग एक सौ गांवों का सड़क संपर्क टूट गया है।ओडिशा के कई हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थितिबंगाल की खाड़ी के ऊपर बने हवा के कम दबाव के क्षेत्र के कारण भारी बारिश होने से ओडिशा (Odisha) के कई हिस्सों में रविवार को बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो गये, फसल को नुकसान पहुंचा और दो लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। मौसम केंद्र ने यहां बताया कि हवा का कम दबाव का क्षेत्र बने होने के कारण राज्य के कई हिस्सों में तेज हवाओं के साथ सोमवार तक भारी से अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है। हालांकि, यह चक्रवात अब कमजोर पड़ रहा है और यह झारखंड तथा पड़ोसी राज्यों की ओर बढ़ गया है। मौसम केंद्र ने यह पूर्वानुमान लगाया है कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर हवा के कम दबाव के एक अन्य क्षेत्र के 19 अगस्त को बनने की संभावना है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने बारिश के चलते टाला दौराउत्तराखंड के अनेक स्थानों पर रविवार को भी बारिश जारी रही जबकि खराब मौसम के कारण मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का पिथौरागढ़ दौरा भी रद्द हो गया। राज्य के अधिकतर स्थानों पर रूक—रूक कर लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है और राष्ट्रीय राजमार्गों सहित कई मार्ग भूस्खलन के चलते बाधित हो गए हैं।राजस्थान में पिछले 24 घंटों के दौरान कुछ स्थानों पर भारी और कई स्थानों पर मध्यम दर्जे की बारिश हुई। मौसम विभाग के प्रवक्ता के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान नागौर के मेडता सिटी में 115 मिलीमीटर, बाडमेर के सेडवा में 100 मिमी, पाली के रायपुर में 85 मिमी, बाडमेर के रामसर में 65 मिमी, जालौर के आहोर में 62 मिमी, टोंक के अलीगढ/उनियारा में 60 मिमी, पाली के रोहट में 55 मिमी, अजमेर में 46 मिमी, जोधपुर में 44।5 मिमी और अन्य कई स्थानों पर 39 मिमी से लेकर 16।1 मिमी तक बारिश दर्ज की गई।
महाराष्ट्र के दो जिलों के लिए रेड अलर्टवहीं मौसम विभाग ने महाराष्ट्र के पुणे और सतारा जिलों में छिटपुट स्थानों पर सोमवार को अत्यधिक भारी बारिश होने का ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने रविवार को बताया कि मौसम के पूर्वानुमान में मुंबई, रायगढ़ और पालघर में सोमवार से भारी बारिश होने की भी बात कही गई है। मंगलवार से बारिश में कमी आने लगेगी। भारत मौसम विभाग ने 24 घंटों में न्यूनतम 204।5 मिमी बारिश होने को अत्यधिक वर्षा की श्रेणी में रखा है। रेड अलर्ट के तहत अधिकारी नुकसान को न्यूनतम करने के लिये एहतियाती कदम उठाते हैं।