नई दिल्ली / बाढ़ से देश के कई राज्‍यों में हालात खराब, 14 राज्‍यों में 1685 लोगों की मौत

जोरदार बारिश और बाढ़ से देश के कई राज्‍यों में हालात खराब हैं। बिहार की राजधानी पटना के सड़कों पर जहां पानी बह रहा है, वहीं पूर्वी यूपी में बारिश से जनजीवन अस्‍त-व्‍यस्‍त है। इस साल मॉनसूनी बारिश के समय में वृद्धि से 14 राज्‍यों में 1685 लोगों की मौत हो चुकी है। अभी भी सैकड़ों की संख्‍या में लोग लापता हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 25 साल में यह अब तक की सबसे अधिक मॉनसूनी बारिश है।

NavBharat Times : Oct 02, 2019, 10:36 AM
नई दिल्‍ली | जोरदार बारिश और बाढ़ से देश के कई राज्‍यों में हालात खराब हैं। बिहार की राजधानी पटना के सड़कों पर जहां पानी बह रहा है, वहीं पूर्वी यूपी में बारिश से जनजीवन अस्‍त-व्‍यस्‍त है। इस साल मॉनसूनी बारिश के समय में वृद्धि से 14 राज्‍यों में 1685 लोगों की मौत हो चुकी है। अभी भी सैकड़ों की संख्‍या में लोग लापता हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 25 साल में यह अब तक की सबसे अधिक मॉनसूनी बारिश है, जिससे देश के 277 जिले जलमग्‍न हो गए।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के आपदा प्रबंधन विभाग के आंकड़ों के अनुसार महाराष्‍ट्र में सबसे ज्‍यादा 377 लोगों की मौत बाढ़ और बारिश से हुई है। इसके बाद पश्चिम बंगाल में 225 और केरल तथा मध्‍य प्रदेश में 180-180, गुजरात में 150, बिहार में 130 और कर्नाटक में 105 लोगों की मॉनसूनी बारिश और बाढ़ से मौत हुई है। करी‍ब 22 लाख लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से निकाला गया।

प्राकृतिक आपदाओं से 80 अरब डॉलर का नुकसान

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 8700 राहत शिविर बनाए गए। बता दें कि संयुक्‍त राष्‍ट्र के मुताबिक बाढ़ जैसे प्राकृतिक आपदाओं की वजह से दुनियाभर में हर साल 2 करोड़ 60 लाख लोग गरीबी में जीवन बिताने को मजबूर हो जाते हैं। वर्ष 1998 से लेकर 2017 के बीच दुनिया में आई सभी प्राकृतिक आपदाओं में 44 प्रतिशत हिस्‍सा बाढ़ का है।

संयुक्‍त राष्‍ट्र का अनुमान है कि वर्ष 1998 से लेकर 2017 के बीच भारत को प्राकृतिक आपदाओं की वजह से 80 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ। प्राकृतिक आपदाओं के शिकार विश्‍व के शीर्ष 5 देशों को कुल 3 ट्रिल्‍यन डॉलर का नुकसान हुआ। इन शीर्ष 5 देशों में भारत भी शामिल हैं। आंकड़ों के मुताबिक बाढ़ की वजह से हर साल भारत में 1600 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। इसके अलावा 1800 करोड़ की संपत्ति का नुकसान होता है।