News18 : Apr 21, 2020, 12:36 PM
भोपाल। शिवराज के मिनी कैबिनेट का गठन हो गया है। फिलहाल 5 मंत्रियों का ही मंत्रिमंडल बनाया गया है। नरोत्तम मिश्रा, कमल पटेल, तुलसीराम सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत और मीना सिंह को इसमें शामिल किया गया है।भोपाल में राजभवन में राज्यपाल लालजी टंडन ने मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी।
क्षेत्रीय-राजनीतिक और जातीय संतुलन
शिवराज के इस मिनी मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय, जातीय और राजनीतिक तीनों समीकरणों का पूरा ध्यान रखा गया है। ग्वालियर, चंबल, बुंदेलखंड, मालवा, विंध्य और मध्य क्षेत्र से एक-एक को कैबिनेट में शामिल किया गया है। वहीं, जातिगत समीकरण साधने के लिए ब्राह्मण, क्षत्रिय, अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा वर्ग से एक-एक चेहरे को मंत्री बनाया गया है।हालांकि फिलहाल किसी महिला को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गयी है। कमलनाथ सरकार को गिराने और बीजेपी को सत्ता में लाने के अहम किरदार रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के दो खासमखास समर्थकों तुलसीराम सिलावट और गोविंद राजपूत को मंत्री बनाकर राजनीतिक बैलेंस भी बनाए रखा गया है।
ये हैं वे 5 चेहरेजिन पांच चेहरों को कैबिनेट में शामिल किया गया उनमें बीजेपी के सीनियर और कद्दावर नेता नरोत्तम मिश्रा का नाम सबसे ऊपर है। ऑपरेशन लोटस में नरोत्तम मिश्रा की अहम भूमिका रही थी। केंद्रीय नेताओं की पसंद के कारण नरोत्तम को मिनी कैबिनेट में शामिल किया गया। दूसरा नाम सिंधिया खेमे के चेहरे तुलसीराम सिलावट का है। मालवा से प्रतिनिधित्व करने वाले तुलसीराम सिलावट कमलनाथ सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे। तीसरा नाम भी सिंधिया खेमे से बुंदेलखंड से प्रतिनिधित्व करने वाले गोविंद सिंह राजपूत का है। चौथा नाम आदिवासी चेहरा मीना सिंह का है। मीना सिंह प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की नज़दीकी मानी जाती हैं। पांचवां नाम ओबीसी वर्ग का बड़ा चेहरा कमल पटेल का है। शिवराज के विरोधी माने जाने वाले कमल पटेल को मिनी कैबिनेट में जगह मिली।सोशल डिस्टेंस के साथ शपथ
कोरोना संक्रमण के इस दौर के बीच हुए शपथ ग्रहण समारोह में सोशल डिस्टेंस का पूरा ध्यान रखा गया। मंत्री 6 फुट और राज्यपाल 12 फुट के फासले पर रहे। मंत्रियों को एक-एक कर शपथ दिलायी गयी। राजभवन में सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वी डी शर्मा, उमा भारती, सुहास भगत,संजय पाठक मौजूद रहे। कोई केंद्रीय नेता समारोह में शामिल नहीं हो सका। कोरोना से बचाव के लिए एहतियात के तौर पर मीडिया को भी समारोह से दूर रखा गया।शिवराज सिंह चौहान ने अकेले कमान संभाली
शिवराज सिंह चौहान के नाम पर और भी कई रिकॉर्ड हैं। सबसे बड़ा रिकॉर्ड 4 बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने का है। प्रदेश की सत्ता में चार बार मुख्यमंत्री का पद अब तक किसी के खाते में नहीं गया है। प्रदेश में लगातार 10 साल तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड दिग्विजय सिंह के नाम पर दर्ज था, लेकिन 13 साल तक सत्ता संभालने और अब चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सारे रिकॉर्ड शिवराज सिंह चौहान के नाम पर दर्ज हो गए हैं।
क्षेत्रीय-राजनीतिक और जातीय संतुलन
शिवराज के इस मिनी मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय, जातीय और राजनीतिक तीनों समीकरणों का पूरा ध्यान रखा गया है। ग्वालियर, चंबल, बुंदेलखंड, मालवा, विंध्य और मध्य क्षेत्र से एक-एक को कैबिनेट में शामिल किया गया है। वहीं, जातिगत समीकरण साधने के लिए ब्राह्मण, क्षत्रिय, अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा वर्ग से एक-एक चेहरे को मंत्री बनाया गया है।हालांकि फिलहाल किसी महिला को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गयी है। कमलनाथ सरकार को गिराने और बीजेपी को सत्ता में लाने के अहम किरदार रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के दो खासमखास समर्थकों तुलसीराम सिलावट और गोविंद राजपूत को मंत्री बनाकर राजनीतिक बैलेंस भी बनाए रखा गया है।
ये हैं वे 5 चेहरेजिन पांच चेहरों को कैबिनेट में शामिल किया गया उनमें बीजेपी के सीनियर और कद्दावर नेता नरोत्तम मिश्रा का नाम सबसे ऊपर है। ऑपरेशन लोटस में नरोत्तम मिश्रा की अहम भूमिका रही थी। केंद्रीय नेताओं की पसंद के कारण नरोत्तम को मिनी कैबिनेट में शामिल किया गया। दूसरा नाम सिंधिया खेमे के चेहरे तुलसीराम सिलावट का है। मालवा से प्रतिनिधित्व करने वाले तुलसीराम सिलावट कमलनाथ सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे। तीसरा नाम भी सिंधिया खेमे से बुंदेलखंड से प्रतिनिधित्व करने वाले गोविंद सिंह राजपूत का है। चौथा नाम आदिवासी चेहरा मीना सिंह का है। मीना सिंह प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की नज़दीकी मानी जाती हैं। पांचवां नाम ओबीसी वर्ग का बड़ा चेहरा कमल पटेल का है। शिवराज के विरोधी माने जाने वाले कमल पटेल को मिनी कैबिनेट में जगह मिली।सोशल डिस्टेंस के साथ शपथ
कोरोना संक्रमण के इस दौर के बीच हुए शपथ ग्रहण समारोह में सोशल डिस्टेंस का पूरा ध्यान रखा गया। मंत्री 6 फुट और राज्यपाल 12 फुट के फासले पर रहे। मंत्रियों को एक-एक कर शपथ दिलायी गयी। राजभवन में सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वी डी शर्मा, उमा भारती, सुहास भगत,संजय पाठक मौजूद रहे। कोई केंद्रीय नेता समारोह में शामिल नहीं हो सका। कोरोना से बचाव के लिए एहतियात के तौर पर मीडिया को भी समारोह से दूर रखा गया।शिवराज सिंह चौहान ने अकेले कमान संभाली
कोरोना संकट के बीच 23 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले शिवराज सिंह चौहान अपना 29 दिन का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। प्रदेश की सत्ता पर चौथी बार काबिज हुए शिवराज सिंह चौहान अकेले ही सरकार चला रहे थे। कोरोना संकट के कारण मंत्रिमंडल का गठन होने में विलंब हुआ। इसी के साथ इतने दिन अकेले सरकार चलाने का रिकॉर्ड भी शिवराज सिंह के नाम हो गया है।शिवराज सिंह चौहान के नाम दर्ज कई रिकॉर्डMadhya Pradesh: BJP leaders Narottam Mishra, Kamal Patel, Meena Singh, Tulsi Silawat and Govind Singh Rajput took oath as ministers, at the state cabinet expansion ceremony in Bhopal today. pic.twitter.com/RBEJk449Bk
— ANI (@ANI) April 21, 2020
शिवराज सिंह चौहान के नाम पर और भी कई रिकॉर्ड हैं। सबसे बड़ा रिकॉर्ड 4 बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने का है। प्रदेश की सत्ता में चार बार मुख्यमंत्री का पद अब तक किसी के खाते में नहीं गया है। प्रदेश में लगातार 10 साल तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड दिग्विजय सिंह के नाम पर दर्ज था, लेकिन 13 साल तक सत्ता संभालने और अब चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सारे रिकॉर्ड शिवराज सिंह चौहान के नाम पर दर्ज हो गए हैं।