देश / सबको मुफ्त टीका, मुफ्त राशन के लिए भारत सरकार को खर्च करने होंगे 80,000 करोड़ रुपये

ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से बताया कि भारत को दूसरी COVID-19 लहर से प्रभावित करोड़ों लोगों को मुफ्त टीके और भोजन उपलब्ध कराने के लिए अतिरिक्त ₹ 80,000 करोड़ ($11 बिलियन) खर्च करने की आवश्यकता होगी। सूत्रों ने कहा कि सरकार दिवाली तक 80 करोड़ से अधिक लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए 70,000 करोड़ रुपये रखेगी और मुफ्त टीके उपलब्ध कराने के लिए अतिरिक्त 10,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी।

Vikrant Shekhawat : Jun 08, 2021, 05:14 PM
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को ऐलान किया कि 21 जून से देश में हर नागरिक के टीकाकरण का खर्चा केंद्र सरकार के जिम्मे होगा। इसके अलावा महामारी से प्रभावित हुए लाखों-करोड़ों लोगों को दिवाली तक मुफ्त राशन भी दिया जाएगा। हालांकि, इन दोनों ही काम के लिए भारत सरकार को भारी-भरकम खर्चा उठाना पड़ेगा। एक अनुमान के मुताबिक, मुफ्त वैक्सीन और राशन मुहैया कराने के लिए भारत को करीब 800 अरब रुपये यानी 80 हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी। 

मामले के जानकार सूत्रों के मुताबिक, भारत सरकार देश के गरीबों को नवंबर तक मुफ्त राशन देने के लिए अतिरिक्त 700 अरब रुपये आवंटित करेगी। इसके अलावा सरकार को मुफ्त टीकाकरण के लिए भी अतिरिक्त 100 अरब रुपये की जरूरत पड़ेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को केंद्र की पिछली टीकाकरण नीति में बदलाव करते हुए ऐलान किया कि अब 18 साल से ज्यादा आयु वाले सभी नागरिकों के टीकाकरण का खर्च केंद्र सरकार उठाएगी। इससे पहले केंद्र सरकार सिर्फ 45 साल से ज्यादा आयु के लाभार्थियों के लिए टीका मुहैया कराती थी और 18 से 44 साल के लोगों के लिए राज्य सरकारें टीका खरीद रही थीं। हालांकि, केंद्र की इस नीति की कई राज्यों के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने भी आलोचना की थी।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार को 991.2 अरब रुपये का लाभांश आरबीआई से मिला और इसके अलावा संपत्तियों की बिक्री से भी आमदनी की उम्मीद है। अतिरिक्त खर्च को जोड़ लें तो भारत सरकार मुफ्त राशन मुहैया कराने में करीब 1 लाख 13 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। केंद्र सरकार पहले ही वार्षिक बजट में टीकाकरण के लिए 35 हजार करोड़ रुपये आवंटित कर चुकी है।

देश में 16 जनवरी से शुरू हुए टीकाकरण अभियान में अब तक 23.2 करोड़ लोगों को टीका दिया गया है। इनमें से 3.4 फीसदी लोगों को टीके की दोनों खुराकें लग चुकी हैं। मौजूदा गति से भारत को अपनी 75 फीसदी आबादी को टीका देने में अभी 22 महीने और लगेंगे।