Vikrant Shekhawat : Oct 28, 2020, 08:43 PM
China: अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो की तरफ से बुधवार को गलवान हिंसा का जिक्र करने के साथ ही एलएसी पर चीन के साथ सैन्य तनाव के बीच भारत के समर्थन में खड़े रहने के उनके बयान ने बीजिंग को काफी बेचैन कर दिया है। उसने ने बुधवार को कहा कि भारत-चीन सीमा विवाद एक द्विपक्षीय मुद्दा है और इस पर बातचीत चल रही है। चीन ने आगे कहा कि वाशिंगटन की हिंद-प्रशांत नीति ‘आउट डेटेड शीत युद्ध रणनीति’ में धकेलने की है।चीनी विदेश मंत्रालय नई दिल्ली में मंगलवार को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो की उस टिप्पणी पर जवाब दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि एलएसी पर चीन के साथ जारी सैन्य गतिरोध के बीच अमेरिका भारत के साथ खड़ा है।वांग वेनबिन ने बुधवार को नियमित मंत्रालय की ब्रीफिंग के दौरान बीजिंग में कहा- “चीन और भारत के बीच सीमा विवाद दो देशों के बीच का मामला है। अब सीमा पर स्थित शांत है और दोनों पक्ष बातचीत और सलाह-मशविरे के जरिए आवश्यक मुद्दों को सुलझा रहे हैं।”वांग भारत-चीन सीमा विवाद के बीच पोम्पियो की तरफ से भारत के साथ करीबी संबंध कहे जाने को लेकर पूछ गए सवालों का जवाब दे रहे थे। मंगलवार को अमेरिकी विदेश मंत्री ने गलवान घाटी में हुई हिंसा में भारतीय जवानों के शहीद होने का जिक्र करते हुए कहा नई दिल्ली की संप्रभुता की रक्षा के लिए वाशिंगटन उसके साथ खड़ा रहेगा।एलएसी पर सैनिकों के वास्तविक आंकड़ों के बारे में कहा जाना मुश्किल है लेकिन ऐसा कहा जा रहा है कि दोनों देश के सेनाओं की तरफ से पूर्वी लद्दाख में विभिन्न टकराव वाली जगहों पर मई महीने से हजारों सैनिकों की तैनाती की गई है। पिछले कई दशकों में भारत और चीन के बीच यह सैनिकों में यह बड़ा टकराव है।भारत की बजाय वाशिंगटन की आलोचना करने और उस पर ध्यान केन्द्रित करते हुए वांग ने कहा- “हम हमेशा मानते हैं कि किसी भी देश के बीच द्विपक्षीय संबंधों का शांति और स्थिरता और क्षेत्र के विकास के लिए अनुकूल होना चाहिए। इससे किसी तीसरे पक्ष के हितों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।”