Dainik Bhaskar : Jan 03, 2020, 06:08 PM
नई दिल्ली. फूडटेक प्लेटफॉर्म स्विगी से खाना मंगाना अब महंगा हो जाएगा। कंपनी जहां एक ओर डिलीवरी का ज्यादा शुल्क ले रही है, वहीं उसने अधिक मांग वाले क्षेत्रों के रेस्तरांओं से ज्यादा कमीशन लेना शुरू कर दिया है। स्विगी पर लिस्टेड एक फास्ट फूड चेन के मालिक ने कहा कि अधिक मांग वाले क्षेत्रों में स्विगी ने अपने एप पर लिस्ट होने वाले नए और पुराने रेस्तरांओं से अधिक शुल्क लेना शुरू कर दिया है। उन्होंने साथ ही कहा कि स्विगी अब ग्राहक से भी डिलीवरी शुल्क ज्यादा ले रही है।स्विगी ने कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं
इंक42 डॉट कॉम के मुताबिक एक अन्य सूत्र ने कहा कि स्विगी 12 से 18 महीने के कांट्रैक्ट के साथ रेस्तरांओं के साथ साझेदारी करती है। जब कांट्रैक्ट का नवीनीकरण किया जाता है, तो स्विगी कुल ऑर्डर वैल्यू का 18 से 23 फीसदी तक शुल्क लेती है, जबकि शुरुआती शुल्क 12-18 फीसदी होता है। इस पर स्विगी ने कहा कि यह नई बात नहीं है। वह अलग-अलग रेस्तरांओं से औसत ऑर्डर वैल्यू, डिलीवरी कॉस्ट तथा अन्य बातों के आधार पर अलग-अलग शुल्क तय करती है।3.3 अरब डॉलर की कंपनी है स्विगी
बेंगलुरु की कंपनी स्विगी 3.3 अरब डॉलर की कंपनी बन चुकी है। कंपनी ने अक्टूबर 2019 में ही 50 करोड़ डिलीवरी ऑर्डर का स्तर हासिल कर लेने का दावा किया था। पूरे वर्ष के लिए कंपनी ने 36 करोड़ डिलीवरी ऑर्डर का लक्ष्य रखा था।
इंक42 डॉट कॉम के मुताबिक एक अन्य सूत्र ने कहा कि स्विगी 12 से 18 महीने के कांट्रैक्ट के साथ रेस्तरांओं के साथ साझेदारी करती है। जब कांट्रैक्ट का नवीनीकरण किया जाता है, तो स्विगी कुल ऑर्डर वैल्यू का 18 से 23 फीसदी तक शुल्क लेती है, जबकि शुरुआती शुल्क 12-18 फीसदी होता है। इस पर स्विगी ने कहा कि यह नई बात नहीं है। वह अलग-अलग रेस्तरांओं से औसत ऑर्डर वैल्यू, डिलीवरी कॉस्ट तथा अन्य बातों के आधार पर अलग-अलग शुल्क तय करती है।3.3 अरब डॉलर की कंपनी है स्विगी
बेंगलुरु की कंपनी स्विगी 3.3 अरब डॉलर की कंपनी बन चुकी है। कंपनी ने अक्टूबर 2019 में ही 50 करोड़ डिलीवरी ऑर्डर का स्तर हासिल कर लेने का दावा किया था। पूरे वर्ष के लिए कंपनी ने 36 करोड़ डिलीवरी ऑर्डर का लक्ष्य रखा था।