Vikrant Shekhawat : Dec 18, 2021, 07:58 AM
लखनऊ: शादी के लिए लड़कियों की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने के प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर लग गई है। अब सरकार मौजूदा कानूनों में संशोधन कर इसे लागू करेगी। हालांकि कुछ लोगों को यह प्रस्ताव रास नहीं आ रहा है। लड़कियों की उम्र बढ़ाकर 21 साल करने के प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। बर्क ने कहा कि इससे आवारगी का मौका मिलेगा। हालांकि बाद में सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि उनके बयान को गलत तरह से पेश किया गया।एक न्यूज चैनल से बातचीत में संभल से सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा, 'लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने से हालात बिगड़ेंगे। पहले जो 18 साल की उम्र थी वह भी काफी थी। लंबे समय से यही उम्र थी, वरना इससे ज्यादा आवारगी का मौका मिलेगा।'बाद में शफीकुर्रहमान ने कहा, 'भारत एक गरीब देश है इसलिए हर कोई अपनी बेटी की जल्दी शादी कराना चाहता है।' उन्होंने कहा कि वह इस बिल का संसद में समर्थन नहीं करेंगे। सपा सांसद ने कहा कि 'आवारगी की बात नहीं है, उन्होंने गलत तरह से मेरे बयान को पेश किया। आवारगी नहीं बल्कि यह माहौल ठीक नही ंहै।पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं बर्कयह पहली बार नहीं है जब सपा नेता ने ऐसा बयान दिया हो, इससे पहले भी वह अपने बयानों को लेकर विवादों में रह चुके हैं। इससे पहले भारत के स्वतंत्रता सेनानियों की तुलना तालिबानियों से करने पर सपा सांसद घिरे थे। बर्क ने अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे की तुलना भारत में ब्रिटिश राज से कर दी थी। उन्होंने कहा था, 'हिंदुस्तान में जब अग्रेजों का शासन था और उन्हें हटाने के लिए हमने संघर्ष किया, ठीक उसी तरह तालिबान ने भी अपने देश को आजाद किया।'शादी की उम्र पर केंद्र का प्रस्तावगौरतलब है कि सरकार ने लड़कियों के विवाह की न्यूनतम कानूनी आयु को 18 साल से बढ़ाकर पुरुषों के बराबर 21 साल करने का फैसला किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को पुरुषों एवं महिलाओं के विवाह की न्यूनतम आयु में एकरुपता लाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की। सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। सूत्रों के अनुसार, सरकार बाल विवाह (रोकथाम) अधिनियम, 2006 को संशोधित करने संबंधी विधेयक संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में ला सकती है।