News18 : Sep 05, 2020, 08:44 AM
नई दिल्ली। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI-State Bank of India) ने अपने ग्राहकों के लिए बड़ा ऐलान किया है। बैंक ने लोन की प्रमुख दर एमसीएलआर- मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR-Marginal Cost of Funds based Lending Rate) को लेकर बड़ा फैसला किया है।
बैंक ने अपने ट्वीट में कहा कि ब्याज में कटौती का फायदा एक साल तक इंतजार किए बिना उठाइए। एसबीआई ने MCLR रिसेट फ्रिक्वेंसी को 1 साल से घटाकर छह महीने कर दिया है। कर्जधारकों को गिरते ब्याज दर का फायदा लेने के लिए एक साल तक इंतजार करने की जरूरत नहीं है। मौजूदा समय में SBI का एक साल का MCLR 7 फीसदी और छह महीने का MCLR 6।95 फीसदी है।एसबीआई ने एमसीएलआर को लेकर उठाया कदम- एसबीआई ने रिसेट फ्रिक्वेंसी को एक साल से घटाकर छह महीना कर दिया गया है। इससे कर्जधारकों को MCLR में कटौती का फायदा पहले के मुकाबले तेजी से उठाने में मदद मिलेगी जब रिसेट फ्रिक्वेंसी एक साल की थी। बैंक ने इसकी जानकारी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए दी है। आम तौर पर बैंक MCLR लिंक्ड लोन को एक साल की रिसेट फ्रिक्वेंसी के साथ ऑफर करते हैं। इसका मतलब है कि लोन लेने वालों को बैंक की MCLR में कटौती का फायदा EMI में कटौती का फायदा मिलने में ज्यादा समय लगता है। इससे कर्जधारकों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा (RBI) द्वारा एलान किए पॉलिसी रेट में कटौती का फायदा जल्दी मिलने में मुश्किल होती है। MCLR लिंक्ड लोन कैसे सस्ते होते है-अगर कोई होम लोन MCLR बेस्ड ब्याज दर से लिंक्ड है, तो इक्वेटेड मंथली इंस्टॉलमेंट (EMI) की राशि केवल होम लोन की रिसेट डेट पर ही बदलती है जो बैंक के MCLR को संशोधित करने के तुरंत बाद आती है। उदाहरण के लिए, अगर आपकी होम लोन की रिसेट डेट जनवरी में है और बैंक ने उस साल जुलाई में अपने MCLR में बदलाव किया है, तो उसका आपकी ईएमआई पर असर अगले साल जनवरी में ही होगा।
बैंक ने अपने ट्वीट में कहा कि ब्याज में कटौती का फायदा एक साल तक इंतजार किए बिना उठाइए। एसबीआई ने MCLR रिसेट फ्रिक्वेंसी को 1 साल से घटाकर छह महीने कर दिया है। कर्जधारकों को गिरते ब्याज दर का फायदा लेने के लिए एक साल तक इंतजार करने की जरूरत नहीं है। मौजूदा समय में SBI का एक साल का MCLR 7 फीसदी और छह महीने का MCLR 6।95 फीसदी है।एसबीआई ने एमसीएलआर को लेकर उठाया कदम- एसबीआई ने रिसेट फ्रिक्वेंसी को एक साल से घटाकर छह महीना कर दिया गया है। इससे कर्जधारकों को MCLR में कटौती का फायदा पहले के मुकाबले तेजी से उठाने में मदद मिलेगी जब रिसेट फ्रिक्वेंसी एक साल की थी। बैंक ने इसकी जानकारी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए दी है। आम तौर पर बैंक MCLR लिंक्ड लोन को एक साल की रिसेट फ्रिक्वेंसी के साथ ऑफर करते हैं। इसका मतलब है कि लोन लेने वालों को बैंक की MCLR में कटौती का फायदा EMI में कटौती का फायदा मिलने में ज्यादा समय लगता है। इससे कर्जधारकों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा (RBI) द्वारा एलान किए पॉलिसी रेट में कटौती का फायदा जल्दी मिलने में मुश्किल होती है। MCLR लिंक्ड लोन कैसे सस्ते होते है-अगर कोई होम लोन MCLR बेस्ड ब्याज दर से लिंक्ड है, तो इक्वेटेड मंथली इंस्टॉलमेंट (EMI) की राशि केवल होम लोन की रिसेट डेट पर ही बदलती है जो बैंक के MCLR को संशोधित करने के तुरंत बाद आती है। उदाहरण के लिए, अगर आपकी होम लोन की रिसेट डेट जनवरी में है और बैंक ने उस साल जुलाई में अपने MCLR में बदलाव किया है, तो उसका आपकी ईएमआई पर असर अगले साल जनवरी में ही होगा।