Vikrant Shekhawat : Nov 20, 2021, 03:25 PM
नई दिल्ली: सरकार ने रेडिमेड कपड़ों, टेक्सटाइल और फुट वेयर जैसे फिनिस्ड प्रोडक्टर पर जीएसटी दरें 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दी है जो कि जनवरी 2022 से लागू होगी। सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम्स (CBIC) ने इस बारे में 18 नवंबर को अधिसूचना जारी कर जानकारी दी है।फैब्रिक्स पर जनवरी 2022 से जीएसटी दरें 5 फीसदी 12 फीसदी हो जाएगी। इसी तरह किसी भी मूल्य के बने बनाए कपड़े पर जीएसटी की दरें भी 12 फीसदी हो जाएगी। बता दें कि पहले 1000 रुपये से ज्यादा मूल्य के कपड़ो पर 5 फीसदी जीएसटी लगता था।इसी तरह दूसरे टेक्सटाइल (बुने हुए कपड़े, सेन्थेटिक यार्न, पाइल फैब्रिक्स, ब्लैंकेट्स, टेंट, टेबल क्लोथ जैसे दूसरे टेक्सटाइल) पर भी जीएसटी दर 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दी गई है।इसके साथ ही किसी भी मूल्य के फुटवेयर पर लागू जीएसटी दर भी 12 फीसदी कर दी गई है। गौरतलब है कि पहले 1000 रुपये से ज्यादा मूल्य के फूटवेयर पर 5 फीसदी की दर से जीएसटी लगता था।क्लोदिंग मैन्यूफैक्चरर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CMAI)ने इस पर 19 नवंबर को टिप्पणी करते हुए कहा है कि अपेरल्स पर जीएसटी दर बढ़ाने का सरकार का निर्णय बहुत ही निराशाजनक है।मिंट में प्रकाशित खबर के मुताबिक CMAI के प्रेसिडेंट राजेश मसंद ने कहा है कि CMAI और दूसरे एसोसिएशन तथा कारोबारी संगठन गर्वमेंट और जीएसटी काउंसिल से इस बात की अपील करते हैं कि जीएसटी दरों में इस बदलाव को ना लागू किया जाए। यह टेक्सटाइल और अपेरल कारोबार के लिए काफी निराशाजनक है।इस स्टेटमेंट में आगे कहा गया है कि इंडस्ट्री पहले से ही कच्चे माल में बढ़ोतरी का दबाव झेल रही है। इसके साथ ही पैकेजिंग मटेरियल और माल भाड़े में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है । ऐसे में जीएसटी दरों में बढ़ोतरी एक और बड़ा झटका है।उन्होंने आगे कहा कि बाजार को इस बात की उम्मीद थी कि जीएसटी दरों में कोई बढ़ोतरी ना होने के बावजूद अपेरल में 15-20 फीसदी बढ़ोतरी की उम्मीद थी। जीएसटी दरों में बढ़ोतरी के बढ़ोतरी के बाद और भी बढ़त हो सकती है और इसका असर आम आदमी पर पड़ेगा। क्योंकि अपेरल मार्केट का 80 फीसदी से ज्यादा हिस्सा ऐसे कपड़ो का है जिसकी कीमत 1000 रुपये से कम है।