Share Market News / क्या बाजार में निकल गया गिरावट का तोड़? निवेशकों ने कमाए 7 लाख करोड़

मंगलवार को शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखने को मिली, जिससे सेंसेक्स 1,100 अंकों की छलांग लगाकर 75,301 पर बंद हुआ। निफ्टी 22,800 के पार पहुंचा। विदेशी बाजारों की मजबूती, रुपये की बढ़त और सकारात्मक मैक्रो इकोनॉमिक आंकड़ों ने इस उछाल को समर्थन दिया। निवेशक सतर्क लेकिन उत्साहित हैं।

Share Market News: मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार ने जबरदस्त तेजी दिखाई, जिससे निवेशकों में उत्साह तो बढ़ा, लेकिन इसके साथ ही कई सवाल भी खड़े हो गए। पिछली बार जब बाजार ने इसी तरह की रफ्तार पकड़ी थी, उसके बाद आई गिरावट ने रिटेल निवेशकों को भारी नुकसान पहुंचाया था। केवल पांच महीनों में ही 90 लाख करोड़ रुपये का बाजार मूल्यांकन मिट्टी में मिल गया था। होली से पहले बाजार में आई मंदी के चलते ऐसा लग रहा था कि सेंसेक्स 70,000 के स्तर तक गिर जाएगा, लेकिन मैक्रोइकोनॉमिक आंकड़ों की सकारात्मकता ने इसमें फिर से जान डाल दी। अब सेंसेक्स ने 75,000 के स्तर को पार कर लिया है, जिससे बाजार में नई उम्मीदें जगी हैं।

शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी, सेंसेक्स और निफ्टी नई ऊंचाइयों पर

भारतीय शेयर बाजार ने मंगलवार को शानदार प्रदर्शन किया। सेंसेक्स 1,131.31 अंक (1.53%) चढ़कर 75,301.26 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 325.55 अंक (1.45%) बढ़कर 22,834.30 के स्तर पर बंद हुआ। इस तेजी में फाइनेंशियल, मेटल और ऑटो सेक्टर की कंपनियों ने मुख्य भूमिका निभाई। विदेशी बाजारों में सकारात्मक संकेत, रुपये में मजबूती और मजबूत मैक्रोइकोनॉमिक आंकड़ों ने बाजार को समर्थन दिया।

प्रमुख सेक्टर्स और शेयरों का प्रदर्शन:

  • ज़ोमैटो, आईसीआईसीआई बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स और एलएंडटी के शेयरों में 2.7% से 7.4% तक की बढ़त दर्ज की गई।

  • फाइनेंस सेक्टर में 1.9%, निफ्टी बैंक में 2% और निफ्टी पीएसयू बैंक में 2.3% की वृद्धि हुई।

  • मेटल इंडेक्स में 2.1% का उछाल आया, जिसमें हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, टाटा स्टील, हिंदुस्तान कॉपर और अडानी एंटरप्राइजेज में 2% से अधिक की बढ़त दर्ज की गई।

  • ऑटो इंडेक्स में भी 2% से अधिक की तेजी देखी गई, जिसमें टाटा मोटर्स निफ्टी 50 के टॉप 5 गेनर्स में शामिल रहा।

  • इरकॉन इंटरनेशनल में 5% से अधिक की बढ़त दर्ज की गई, जिसका कारण मेघालय सरकार से 10.96 बिलियन रुपये का अनुबंध हासिल करना रहा।

इन 8 कारणों से शेयर बाजार में लौटी तेजी

1. वैश्विक बाजारों में मजबूती

अमेरिकी और एशियाई शेयर बाजारों में मजबूती का असर भारतीय बाजारों पर भी पड़ा। हांगकांग के हैंग सेंग इंडेक्स में 2% से अधिक की तेजी देखी गई, जो तीन साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। जापान के निक्केई और अन्य एशियाई बाजारों में भी बढ़त दर्ज की गई।

2. चीन के प्रोत्साहन उपायों से समर्थन

चीन ने घरेलू मांग बढ़ाने के लिए नई नीतियां लागू की हैं, जिसमें चाइल्डकैअर सब्सिडी और उपभोक्ता खर्च बढ़ाने के लिए विशेष योजनाएं शामिल हैं। इससे मेटल सेक्टर को बड़ा समर्थन मिला है।

3. अमेरिकी रिटेल सेल्स में सुधार

फरवरी में अमेरिकी रिटेल सेल्स में वृद्धि होने से निवेशकों की धारणा सकारात्मक हुई, जिससे मंदी की आशंकाएं कम हुईं और बाजार को सहारा मिला।

4. कमजोर अमेरिकी डॉलर

डॉलर इंडेक्स जनवरी के उच्चतम स्तर से लगभग 6% नीचे आ चुका है, जिससे रुपये को मजबूती मिली है। यह विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय बाजार को आकर्षक बना रहा है।

5. भारतीय रुपये में मजबूती

डॉलर के मुकाबले रुपया 86.76 पर खुला, जो पिछले बंद स्तर 86.80 से थोड़ा बेहतर था। रुपये में यह मजबूती डॉलर की कमजोरी और विदेशी निवेश के बढ़ते प्रवाह के कारण आई है।

6. ग्लोबल ट्रेड वॉर की चिंताओं में कमी

निवेशकों ने वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंकाओं को पीछे छोड़कर फोकस आकर्षक वैल्यूएशन पर किया, जिससे बाजार को मजबूती मिली।

7. भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत आंकड़े

वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में GDP वृद्धि 6.2% पर पहुंच गई है, औद्योगिक उत्पादन (IIP) में 5.1% की वृद्धि हुई है, व्यापार घाटे में कमी आई है और महंगाई दर 3.6% पर आ गई है। इन कारकों ने बाजार को मजबूती दी।

8. रूस-यूक्रेन संकट पर कूटनीतिक प्रयास

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के संभावित युद्धविराम वार्ता को लेकर बाजार में सकारात्मक संकेत मिले हैं, जिससे वैश्विक ऊर्जा कीमतों में स्थिरता आने की उम्मीद है।

क्या यह तेजी स्थायी है या एक बुलबुला?

हालांकि बाजार में तेजी देखने को मिल रही है, लेकिन निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है। 2023 में भी इसी तरह की रैली के बाद बाजार में भारी गिरावट आई थी। मौजूदा तेजी के पीछे मजबूत आर्थिक आंकड़े और वैश्विक बाजारों से मिले सकारात्मक संकेत हैं, लेकिन भू-राजनीतिक तनाव और ब्याज दरों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार की तेजी स्थायी हो सकती है, बशर्ते कि मैक्रोइकोनॉमिक स्थिति मजबूत बनी रहे। लेकिन निवेशकों को सावधानी बरतते हुए पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखनी चाहिए और अधिक जोखिम लेने से बचना चाहिए।

निष्कर्ष

मंगलवार की तेजी ने भारतीय शेयर बाजार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है, लेकिन पिछली गिरावट को देखते हुए निवेशकों को इस उत्साह में अति आत्मविश्वास नहीं दिखाना चाहिए। यह तेजी कई मजबूत कारणों से आई है, लेकिन आने वाले दिनों में बाजार की चाल वैश्विक घटनाक्रमों और केंद्रीय बैंकों की नीतियों पर निर्भर करेगी। इसलिए, सतर्कता के साथ निवेश करना ही सबसे अच्छा उपाय रहेगा।