Vikrant Shekhawat : May 23, 2022, 07:51 AM
UP News: ज्ञानवापी मामले में आज से वाराणसी जिला जज सुनवाई करेंगे। इस दौरान हिंदु और मुस्लिम दोनों पक्षों के वकील जिला जज की अदालत में पेश होंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सिविल कोर्ट ने शनिवार को ज्ञानवापी मामले से जुड़ी सभी फाइलें और दस्तावेज जिला जज कोर्ट को सौंप दिए थे। बता दें कि डॉक्टर अजय कृष्णा विश्वेशा डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज बनारस हैं जो अब ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सुनवाई करेंगे।
उधर, अंजुमन इंतेजामिया कमेटी का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील अभय नाथ यादव ने कहा है कि पहले यह तय किया जाए कि मामला चलने योग्य है या नहीं। बता दें कि शुक्रवार को ज्ञानवापी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान ने सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी जिला जज को केस ट्रांसफर कर दिया। वहीं कोर्ट ने कहा कि वुजू की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही शिवलिंग का एरिया सील रहेगा।सुप्रीम कोर्ट ने यह दिया है आदेश सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हुई सुनवाई में कहा, 'इस मामले को सिविल जज सीनियर डिवीजन वाराणसी से जिला जज वाराणसी को ट्रांसफर किया जाए। मुस्लिम पक्ष द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के लिए केस ट्रांसफर पर जिला न्यायाधीश द्वारा प्राथमिकता के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।' सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, 'हमारा 17 मई का अंतरिम आदेश फैसला आने तक और उसके बाद 8 सप्ताह तक लागू रहेगा ताकि जिला न्यायाधीश के आदेश को पीड़ित पक्ष चुनौती दे सके। तब तक वजू के लिए हम जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी से वादियों से परामर्श करने और वज़ू के लिए उचित व्यवस्था करने का अनुरोध करते हैं।'
हमारा अंतरिम आदेश वैकल्पिक नहीं सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, 'हमारा अंतरिम आदेश वैकल्पिक नहीं है। सिविल जज सीनियर जज वाराणसी द्वारा 16 मई को पारित आदेश को 17 मई को इस अदालत के आदेश में शामिल किया जाएगा। कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति का मामला हाई कोर्ट में चल रहा है, जिस पर सुनवाई हो रही है, हम मामले से अवगत हैं।' 'हम ट्रायल कोर्ट को चलने से नहीं रोक सकते' सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम ट्रायल कोर्ट को चलने से नहीं रोक सकते। शांति बनाए रखने के लिए संविधान में एक ढांचा बनाया गया है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि निचली अदालत को निर्देश देने के बजाय हमें संतुलन बनाना चाहिए। वहीं, अहमदी ने उपासना स्थल कानून पर चर्चा शुरू की तो जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि ये आपका दूसरा नजरिया है। हम आदेश सात के नियम 11 की बात पर चर्चा कर रहे हैं। हिंदू पक्षकार की ओर से सीनियर वकील वैद्यनाथन ने कहा कि हम न्यायाधीश के विवेक पर किसी तरह का दबाव या अंकुश नहीं चाहते। सुनवाई के दौरान पहले क्या होना चाहिए, ये जिला जज के विवेक पर छोड़ देना चाहिए।विश्वनाथ मंदिर के महंत बोले- वजूखाने के भूतल में स्वयंभू शिवलिंगकाशी विश्वनाथ मंदिर के महंत कुलपति तिवारी ने दावा किया है कि वजूखाने के भूतल में शिवलिंग है। उन्होंने आजतक से बात करते हुए दावा किया है कि भूतल में विश्वेश्वर महादेव मौजूद हैं। कुलपति तिवारी ने ये मांग भी की है कि काशी विश्वनाथ धाम परिसर में नंदी के मुख के सामने जो दरवाजा है, उसे खुलवाकर बाबा विश्वेश्वर महादेव की पूजा करने दी जाए। काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत कुलपति तिवारी ने अपने दावे के समर्थन में कुछ पुरानी तस्वीरें भी दिखाईं। उन्होंने कहा कि मेरी कोर्ट से ये प्रार्थना है कि वजूखाने के भूतल में मौजूद बाबा विश्वेश्वर के शिवलिंग का पूजन करने की इजाजत दी जाए। कुलपति तिवारी ने ये भी कहा कि इसे लेकर 23 मई को कोर्ट में याचिका दाखिल करूंगा।
उधर, अंजुमन इंतेजामिया कमेटी का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील अभय नाथ यादव ने कहा है कि पहले यह तय किया जाए कि मामला चलने योग्य है या नहीं। बता दें कि शुक्रवार को ज्ञानवापी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान ने सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी जिला जज को केस ट्रांसफर कर दिया। वहीं कोर्ट ने कहा कि वुजू की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही शिवलिंग का एरिया सील रहेगा।सुप्रीम कोर्ट ने यह दिया है आदेश सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हुई सुनवाई में कहा, 'इस मामले को सिविल जज सीनियर डिवीजन वाराणसी से जिला जज वाराणसी को ट्रांसफर किया जाए। मुस्लिम पक्ष द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के लिए केस ट्रांसफर पर जिला न्यायाधीश द्वारा प्राथमिकता के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।' सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, 'हमारा 17 मई का अंतरिम आदेश फैसला आने तक और उसके बाद 8 सप्ताह तक लागू रहेगा ताकि जिला न्यायाधीश के आदेश को पीड़ित पक्ष चुनौती दे सके। तब तक वजू के लिए हम जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी से वादियों से परामर्श करने और वज़ू के लिए उचित व्यवस्था करने का अनुरोध करते हैं।'
हमारा अंतरिम आदेश वैकल्पिक नहीं सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, 'हमारा अंतरिम आदेश वैकल्पिक नहीं है। सिविल जज सीनियर जज वाराणसी द्वारा 16 मई को पारित आदेश को 17 मई को इस अदालत के आदेश में शामिल किया जाएगा। कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति का मामला हाई कोर्ट में चल रहा है, जिस पर सुनवाई हो रही है, हम मामले से अवगत हैं।' 'हम ट्रायल कोर्ट को चलने से नहीं रोक सकते' सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम ट्रायल कोर्ट को चलने से नहीं रोक सकते। शांति बनाए रखने के लिए संविधान में एक ढांचा बनाया गया है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि निचली अदालत को निर्देश देने के बजाय हमें संतुलन बनाना चाहिए। वहीं, अहमदी ने उपासना स्थल कानून पर चर्चा शुरू की तो जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि ये आपका दूसरा नजरिया है। हम आदेश सात के नियम 11 की बात पर चर्चा कर रहे हैं। हिंदू पक्षकार की ओर से सीनियर वकील वैद्यनाथन ने कहा कि हम न्यायाधीश के विवेक पर किसी तरह का दबाव या अंकुश नहीं चाहते। सुनवाई के दौरान पहले क्या होना चाहिए, ये जिला जज के विवेक पर छोड़ देना चाहिए।विश्वनाथ मंदिर के महंत बोले- वजूखाने के भूतल में स्वयंभू शिवलिंगकाशी विश्वनाथ मंदिर के महंत कुलपति तिवारी ने दावा किया है कि वजूखाने के भूतल में शिवलिंग है। उन्होंने आजतक से बात करते हुए दावा किया है कि भूतल में विश्वेश्वर महादेव मौजूद हैं। कुलपति तिवारी ने ये मांग भी की है कि काशी विश्वनाथ धाम परिसर में नंदी के मुख के सामने जो दरवाजा है, उसे खुलवाकर बाबा विश्वेश्वर महादेव की पूजा करने दी जाए। काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत कुलपति तिवारी ने अपने दावे के समर्थन में कुछ पुरानी तस्वीरें भी दिखाईं। उन्होंने कहा कि मेरी कोर्ट से ये प्रार्थना है कि वजूखाने के भूतल में मौजूद बाबा विश्वेश्वर के शिवलिंग का पूजन करने की इजाजत दी जाए। कुलपति तिवारी ने ये भी कहा कि इसे लेकर 23 मई को कोर्ट में याचिका दाखिल करूंगा।