Vikrant Shekhawat : Feb 01, 2024, 04:20 PM
Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में आए फैसले पर एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल खड़े किए हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पहली बात को ये कि आज जज के रिटायरमेंट का आखिरी दिन था। दूसरी बात है कि उन्होंने 17 जनवरी को डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट को रिसीवर अपॉइंट किया था। तीसरी बात तो यह कि उन्होंने फैसला देकर पूरा केस ही डिसाइड कर दिया। साल 1993 से वहां कुछ नहीं हो रहा था, मजिस्द के तहखाने को दे रहे हैं तो अब आपने तहखाने में पूजा का अधिकार देकर पूरे केस को ही डिसाइड कर दिया।खुले तौर पर वरशिप एक्ट का उल्लंघनओवैसी ने आगे कहा कि साल 1993 से 30 साल हो गए, लेकिन आपने अब पूजा का अधिकार दे दिया। ये खुले तौर पर वरशिप एक्ट का उल्लंघन है। ये गलत फैसला है। जब तक मोदी सरकार खुले तौर पर यह नहीं कहेगी कि वरशिप एक्ट का उल्लंघन न किया जाए। यह सब चीज चलती रहेगी। जब बाबरी मस्जिद पर राम मंदिर का फैसला आया था उसी वक्त हमने यह कहा था कि आस्था की बुनियाद पर फैसला दिया गया है, अब आगे भी यह मामले चलते रहेंगे।क्या था आदेश?जानकारी दे दें कि वाराणसी जिला अदालत ने व्यास तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा करने का अधिकार दे दिया है। कोर्ट ने जिला प्रशासन को बैरिकेडिंग में 7 दिन के अंदर व्यवस्था कराने का आदेश दिया है। जानकारी दे दें कि अदालत ने यह फैसला एएसआई द्वारा पेश सबूतों के आधार पर सुनाया है। इस आदेश के मुताबिक, आज रात ही वाराणसी जिलाधिकारी, वाराणसी पुलिस कमिश्नर, डीसीपी और अन्य पुलिस अधिकारियों की टीम ने बैरिकेंडिग हटाकर हिंदू पक्ष को पूजा करने दिया। रात करीब 11 बजे भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अर्चकों ने भगवान गणेश और लक्ष्मी जी की पूजा की, आरती उतारी।