मध्य प्रदेश / अगर आदिवासी महुआ से परंपरागत शराब बनाएं तो वह अवैध नहीं माना जाएगा: शिवराज

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को मांडला में जनजातीय गौरव दिवस के दौरान कहा, "एक नई आबकारी नीति आ रही है...महुआ से अगर कोई (आदिवासी) भाई-बहन परंपरागत शराब बनाएगा तो...वह अवैध नहीं होगी।" उन्होंने आगे कहा, "हेरिटेज शराब के नाम से वह शराब की दुकानों में बेची जाएगी...हम उसको भी आदिवासी की आमदनी का ज़रिया बनाएंगे।"

Vikrant Shekhawat : Nov 23, 2021, 02:08 PM
भोपाल: आदिवासी जनजातीग गौरव सप्ताह के समापन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया कि आदिवासियों को परंपरागत रूप से महुआ से शराब बनाने पर अब कोई रोक नहीं रहेगी। इसके लिए सरकार हैरीटेज शराब नीति को ला रही है जिसमें आदिवासियों द्वारा बनाई जाने वाली शराब दुकानों पर भी बिक सकेगी।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंडला में आदिवासियों को संबोधित करते हुए इस नीति का ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि आदिवासियों को परंपरागत ढंग से महुआ से शराब बनाए जाने से रोका जाता है। उनके मटकों को फोड़ दिया जाता है। वहीं, भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर में जो शराब बनाते हैं, उन्हें नहीं रोका जाता है। इसलिए आदिवासियों को भी परंपरागत ढंग से महुआ से शराब बनाने के लिए हैरीटेज शराब नीति लाकर उसे कानूनी प्रावधान से वैधानिक रूप दिया जाएगा।

पिछली सरकारों ने एक परिवार का इतिहास ही बताया

शिवराज सिंह चौहान ने पिछली सरकारों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने एक ही परिवार का इतिहास पढ़ाया गया है। उनकी कोशिश है कि गौंडवाना के सम्मान को वापस लौटाएं। रानी दुर्गावती ने अकबर से लड़ाई लड़ी तो रानी कमलापति व उनके बेटे नवल शाह ने दोस्त मोहम्मद खां से जिस बहादुरी से लड़ाई लड़ी, उसे अब याद रखा जाएगा। भोपाल पर गौंड राजाओं का शासन था और रानी कमलापति-नवल शाह ने मरते दम तक दोस्त मोहम्मद खां से हार नहीं मानी।

साहूकारों के कर्ज माफ होंगे

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि 2020 के पहले तक जिन साहूकारों ने प्रचलित ब्याजदर से ज्यादा पर आदिवासियों को कर्ज दिया है, अब वे उन आदिवासियों के कर्ज की वसूली नहीं कर पाएंगे। सरकार ऐसे आदिवासियों के कर्ज की माफी कराएगी। चौहान ने सामुदायिक वन प्रबंधन के अधिकार की घोषणा भी की, जिसमें जंगल में आदिवासियों को वन लगाकर उनसे होने वाली आमदनी का अधिकार देने का ऐलान किया।