MP News / खंडवा में कुएं की सफाई के दौरान बड़ा हादसा, 8 लोगों की मौत

खंडवा जिले में गुरुवार को बड़ा हादसा हुआ. कुएं की सफाई करने उतरे आठ ग्रामीणों की जान चली गई. अभी तक छह डेडबॉडी को बाहर निकाला गया है, जबकि दो की तलाश की जा रही है. मौके पर कलेक्टर और एसपी मौजूद हैं

मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के कुंडावत गांव में गुरुवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें कुएं की सफाई करने उतरे आठ लोगों की मौत हो गई। प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और अब तक छह शवों को बाहर निकाला जा चुका है, जबकि दो अन्य की तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

कैसे हुआ हादसा?

गांव के लोगों ने गणगौर माता के विसर्जन के लिए पुराने कुएं की सफाई करने का निर्णय लिया। इसी के तहत पहले तीन ग्रामीण कुएं में उतरे, लेकिन कुछ ही समय बाद उनकी आवाज आनी बंद हो गई। उन्हें बचाने के लिए पांच अन्य ग्रामीण भी कुएं में उतरे, लेकिन वे भी दलदल में फंस गए और उनकी भी जान चली गई।

हादसे की सूचना और प्रशासन की कार्रवाई

जैसे ही गांव के अन्य लोगों को इस घटना का पता चला, उन्होंने तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचना दी। हादसे की खबर मिलते ही छैगांवमाखन और पंधाना थाना पुलिस, एंबुलेंस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए। खंडवा के एसपी मनोज कुमार राय, कलेक्टर ऋषभ गुप्ता और एसडीएम बजरंग बहादूर सिंह ने राहत एवं बचाव कार्य शुरू करवाया।

जहरीली गैस बनी हादसे की वजह?

प्रारंभिक जांच में पता चला है कि कुएं में दलदल और कचरा जमा होने के कारण जहरीली गैस बनी थी, जिसके कारण यह हादसा हुआ। पुलिस, फायर ब्रिगेड और SDRF की टीम ने राहत कार्य चलाया और अब तक छह शवों को बाहर निकाल लिया गया है।

मृतकों के परिवार को आर्थिक सहायता

खंडवा कलेक्टर ऋषभ गुप्ता ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

हादसे में जान गंवाने वाले लोग:

  1. राकेश पिता हरी (21 वर्ष)

  2. वासुदेव पिता आत्माराम (4 वर्ष)

  3. अर्जुन पिता गोविंद (35 वर्ष)

  4. गजानन पिता गोपाल (35 वर्ष)

  5. मोहन पिता मंसाराम पटेल (पूर्व सरपंच, 48 वर्ष)

  6. अजय पिता मोहन (25 वर्ष)

  7. शरण पिता सुखराम (37 वर्ष)

  8. अनिल पिता आत्माराम (25 वर्ष)

सुरक्षा के प्रति बढ़ती चिंता

इस घटना ने एक बार फिर ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर कर दिया है। प्रशासन और स्थानीय निकायों को ऐसे मामलों में विशेष सावधानी बरतने और उचित सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने की जरूरत है ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदी को रोका जा सके।