Vikrant Shekhawat : Aug 25, 2024, 02:08 PM
Israel-Hezbollah War: आज, इजराइल एक गहरी संकट की स्थिति का सामना कर रहा है। हिज्बुल्लाह, जो ईरान द्वारा समर्थित एक आतंकवादी संगठन है, ने एक गंभीर और सुनियोजित हमला करने का प्रयास किया। इस योजना की जानकारी पहले ही इजराइल को मिल गई थी, और परिणामस्वरूप, इजराइल की सेना ने तत्काल प्रतिक्रिया दी। इस लेख में हम देखेंगे कि इजराइल ने इस हमले को कैसे नाकाम किया और इसके पीछे के महत्व को समझेंगे।हिज्बुल्लाह की हमले की योजनाहिज्बुल्लाह ने इजराइल पर 6000 रॉकेटों के हमले की योजना बनाई थी। यह एक व्यापक और धमाकेदार योजना थी, जिसे पूरी तरह से असफल करने के लिए इजराइल की सुरक्षा एजेंसियों ने पूरी तैयारी कर रखी थी। हमले से पहले ही इजराइल ने अपने सभी एयरबेस से 100 से अधिक फाइटर जेट भेजकर लेबनान में हिज्बुल्लाह के ठिकानों पर हमला किया। इस हमले का उद्देश्य हिज्बुल्लाह के हथियार भंडारों को नष्ट करना था, जिसमें हजारों रॉकेट और मिसाइलें शामिल थीं।इजराइल की त्वरित प्रतिक्रियाइजराइल ने हिज्बुल्लाह के हथियार भंडारों पर त्वरित और सटीक हमले किए। 40 ठिकानों पर किया गया यह हमला हिज्बुल्लाह की रॉकेट और मिसाइल क्षमता को गंभीर नुकसान पहुंचाने में सफल रहा। इसके बाद, हिज्बुल्लाह ने इजराइल पर 320 से अधिक रॉकेट दागे, जिनमें कत्युशा रॉकेट प्रमुख थे। इन हमलों में इजराइल के 11 सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिसमें मेरोन बेस और गोलान हाइट्स की चार जगहें शामिल थीं।इजराइल का रक्षा तंत्रहालांकि हिज्बुल्लाह ने इजराइल के कई ठिकानों को निशाना बनाया, इजराइल की रक्षा प्रणाली ने शानदार तरीके से काम किया। 320 रॉकेटों में से 200 को इजराइल ने इंटरसेप्ट कर दिया। इस बीच, उत्तरी इजराइल में हिज्बुल्लाह के हमलों के परिणामस्वरूप कई लोगों के मरने की आशंका जताई जा रही है। हिज्बुल्लाह ने भी दावा किया कि उन्होंने मोसाद के हेडक्वार्टर पर हमला किया है, जो इजराइल की खुफिया एजेंसी है।मौजूदा स्थिति और संभावित प्रभावहिज्बुल्लाह के हमलों के बाद इजराइल में 48 घंटे के लिए इमरजेंसी घोषित कर दी गई है। इजराइल के रक्षा मंत्री योव गैलंट ने इस आपातकाल की घोषणा की, और पीएम नेतन्याहू ने सुरक्षा कैबिनेट की बैठक बुलाई है। इस समय, देश की हवाई यात्राएं भी प्रभावित हो रही हैं, और बेन गुरियन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंडिंग और टेक-ऑफ को फिलहाल बंद कर दिया गया है।मध्य पूर्व में बढ़ती टेंशनइस संघर्ष ने मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा दिया है। ईरान में हमास के नेता इस्माइल हानिया और हिज्बुल्लाह कमांडर फवाद शुकर की मौत के बाद से, ईरान और हिज्बुल्लाह ने इजराइल के खिलाफ बदला लेने की ठान ली थी। इस प्रकार, इजराइल और हिज्बुल्लाह के बीच यह संघर्ष न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक स्तर पर भी महत्वपूर्ण घटनाक्रम को जन्म दे रहा है।निष्कर्षइजराइल ने हिज्बुल्लाह के हमले को प्रभावी तरीके से नाकाम कर दिया, लेकिन इस संघर्ष ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मध्य पूर्व में स्थिति कितनी अस्थिर है। हिज्बुल्लाह और इजराइल के बीच का यह संघर्ष केवल एक सैन्य टकराव नहीं है, बल्कि यह क्षेत्रीय और वैश्विक राजनीति के लिए भी एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है। इस संघर्ष की गहराई और इसके संभावित परिणामों को देखते हुए, यह आवश्यक है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस संकट को समझे और इससे निपटने के लिए ठोस उपाय करे।