Israel-Hezbollah War / इजरायल पर हिजबुल्लाह ने दागे 250 रॉकेट, सात लोग घायल

हिजबुल्लाह ने रविवार को इजरायल पर 250 रॉकेट और अन्य हथियारों से बड़ा हमला किया, जिसमें सात लोग घायल हो गए। यह हमला इजरायल के तेल अवीव तक पहुंचा। इजरायल ने जवाबी कार्रवाई में लेबनान पर हमला किया, जिसमें एक सैनिक मारा गया। दोनों पक्षों में संघर्ष विराम पर दबाव बढ़ रहा है।

Vikrant Shekhawat : Nov 25, 2024, 08:30 AM
Israel-Hezbollah War: मध्य पूर्व में तनाव एक बार फिर अपने चरम पर पहुंच गया है। रविवार को हिजबुल्लाह ने इजरायल पर अब तक के सबसे भीषण हमलों में से एक को अंजाम दिया। संगठन ने इजरायल पर लगभग 250 रॉकेट और अन्य हथियार दागे, जिससे सात लोग घायल हो गए। इस हमले में कई रॉकेट इजरायल के मध्य क्षेत्र, यहां तक कि तेल अवीव तक पहुंच गए, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई।

घायलों का इलाज जारी

इजरायल की बचाव सेवा 'मैगन डेविड एडोम' ने कहा कि इन हमलों में घायल हुए सात लोगों का इलाज किया गया है। इनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। इस बीच, हिजबुल्लाह ने इन हमलों को बेरूत में हाल ही में हुए इजरायली हमले का जवाब बताया है।

लेबनान में भी बढ़ा तनाव

लेबनान की सेना ने बताया कि इजरायली हमले में रविवार को एक लेबनानी सैनिक की मौत हो गई और 18 अन्य घायल हो गए। इजरायल ने इस घटना पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि उसका अभियान केवल हिजबुल्लाह के चरमपंथियों को निशाना बनाने के लिए है, लेकिन सैनिकों की मौत एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना थी।

इजरायल का पलटवार और लेबनान की प्रतिक्रिया

पिछले कुछ दिनों में इजरायली हमलों में 40 से अधिक लेबनानी सैनिकों की मौत हो चुकी है। शनिवार को इजरायल के हवाई हमलों में बेरूत में कम से कम 29 लोग मारे गए और 67 घायल हो गए। लेबनान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने इन हमलों की कड़ी निंदा की और इसे संघर्ष विराम की वार्ताओं पर हमला करार दिया।

युद्धविराम की कोशिशें विफल

अमेरिका और अन्य अंतरराष्ट्रीय वार्ताकार क्षेत्र में संघर्ष विराम लागू करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन लगातार हो रहे इन हमलों ने वार्ता को कठिन बना दिया है। हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच यह हिंसा बढ़ते क्षेत्रीय तनाव और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की सीमाओं को उजागर करती है।

आगे क्या?

यह संघर्ष केवल इजरायल और हिजबुल्लाह तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे पूरे क्षेत्र की स्थिरता पर खतरा मंडरा रहा है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तुरंत हस्तक्षेप कर दोनों पक्षों को संघर्ष विराम की ओर ले जाना होगा। यदि ऐसा नहीं होता, तो इस हिंसा का और विस्तार हो सकता है, जिससे दोनों देशों के नागरिकों की जान और संपत्ति को भारी नुकसान होगा।

यह ताजा घटनाक्रम मध्य पूर्व की जटिल राजनीति और दशकों से चले आ रहे इजरायल-लेबनान संघर्ष की गंभीरता को दर्शाता है। समाधान तभी संभव है जब सभी पक्ष संयम बरतें और वार्ता की मेज पर लौटें।