Vikrant Shekhawat : Mar 13, 2021, 08:15 AM
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव (यूपी पंचायत चुनव 2021) को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया। उच्च न्यायालय ने पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगा दी। कोर्ट ने अगली सुनवाई तक आरक्षण आवंटन पर रोक लगा दी है। इस मामले में यूपी सरकार सोमवार को जवाब दाखिल करेगी।
बता दें कि अजय कुमार की जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह फैसला लिया है। अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने यह शासनादेश जारी किया। आरक्षण प्रक्रिया पर अंतरिम रोक को लेकर सभी जिलों के डीएम को आदेश भेजा गया है।मालूम हो कि उत्तर प्रदेश सरकार 17 मार्च को पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण की अंतिम सूची जारी करने वाली थी। लेकिन आज हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब यह ब्रेक हो गया है। बताया जा रहा है कि सरकार द्वारा 2015 की आरक्षण प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था।गौरतलब है कि आरक्षण की प्रक्रिया को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और पार्टी में कुछ दिनों से मंथन चल रहा था। असंतोष भी देखा गया है। कई सांसदों, विधायकों और जिला अध्यक्षों ने आलाकमान से शिकायत की है कि वे पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारी में बैठे थे, लेकिन आरक्षण के फॉर्मूले के कारण वे अब चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।ज्ञात हो कि पंचायती राज विभाग में पिछले कई दिनों से यह मामला चल रहा है। अदालत ने 15 मई तक चुनाव प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया है। इसके अलावा, पंचायतों के पदों के लिए सीटों के आरक्षण की अनंतिम सूची भी जारी की गई है, जिस पर दावे और आपत्तियां मांगने का समय भी 8 मार्च को समाप्त हो गया था, इसलिए आरक्षण के फॉर्मूले में बदलाव की कोई गुंजाइश नहीं है।
बता दें कि अजय कुमार की जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह फैसला लिया है। अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने यह शासनादेश जारी किया। आरक्षण प्रक्रिया पर अंतरिम रोक को लेकर सभी जिलों के डीएम को आदेश भेजा गया है।मालूम हो कि उत्तर प्रदेश सरकार 17 मार्च को पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण की अंतिम सूची जारी करने वाली थी। लेकिन आज हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब यह ब्रेक हो गया है। बताया जा रहा है कि सरकार द्वारा 2015 की आरक्षण प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था।गौरतलब है कि आरक्षण की प्रक्रिया को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और पार्टी में कुछ दिनों से मंथन चल रहा था। असंतोष भी देखा गया है। कई सांसदों, विधायकों और जिला अध्यक्षों ने आलाकमान से शिकायत की है कि वे पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारी में बैठे थे, लेकिन आरक्षण के फॉर्मूले के कारण वे अब चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।ज्ञात हो कि पंचायती राज विभाग में पिछले कई दिनों से यह मामला चल रहा है। अदालत ने 15 मई तक चुनाव प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया है। इसके अलावा, पंचायतों के पदों के लिए सीटों के आरक्षण की अनंतिम सूची भी जारी की गई है, जिस पर दावे और आपत्तियां मांगने का समय भी 8 मार्च को समाप्त हो गया था, इसलिए आरक्षण के फॉर्मूले में बदलाव की कोई गुंजाइश नहीं है।