- भारत,
- 31-Mar-2025 02:43 PM IST
Uoh Protest: हैदराबाद विश्वविद्यालय (यूओएच) के छात्रों ने शनिवार, 29 मार्च को सरकार द्वारा HCU गाचीबोवली में 400 एकड़ जमीन की नीलामी करने के फैसले के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन शाम 6:30 से 7:00 बजे के बीच मुख्य द्वार के पास आयोजित किया गया, जिसमें करीब 30-40 छात्र तख्तियां लिए सरकार के इस निर्णय का विरोध करते दिखे। प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने नारे लगाए और सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की।
पुलिस हस्तक्षेप और शांति बहाली
गाचीबोवली पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने की कोशिश की गई। हालांकि, गाचीबोवली पुलिस इंस्पेक्टर मोहम्मद हबूबुल्लाह खान ने स्पष्ट किया कि किसी भी छात्र को हिरासत में नहीं लिया गया और न ही कोई मामला दर्ज किया गया। पुलिस के अनुसार, विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन छात्र नेताओं ने यह स्पष्ट किया कि वे अपना आंदोलन तब तक जारी रखेंगे जब तक राज्य सरकार इस नीलामी योजना को रद्द नहीं कर देती और आधिकारिक रूप से इस भूमि को विश्वविद्यालय के नाम पर पंजीकृत नहीं कर देती।मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी का पुतला जलाने की घटना
छात्रों ने अपने विरोध को और तेज करने के लिए मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी का पुतला जलाने की योजना बनाई थी, जिन्होंने हाल ही में प्रदर्शनकारियों को "गीदड़" कहकर संबोधित किया था। हालांकि, पुलिस ने इसे रोकने की कोशिश की। बावजूद इसके, प्रदर्शनकारियों ने पुतला जलाने में सफलता हासिल की। यूओएच छात्र संघ का आरोप है कि इस दौरान पुलिस ने छात्रों के साथ दुर्व्यवहार किया, जिससे कुछ छात्र घायल हो गए। छात्र संघ ने बयान जारी कर कहा कि तेलंगाना सरकार छात्रों, शिक्षकों और पर्यावरणविदों की आवाज़ को दबाने के लिए "क्रूर बल" का इस्तेमाल कर रही है और उन्हें "शैतान" के रूप में चित्रित कर रही है।मुख्यमंत्री की टिप्पणी और सरकारी रुख
26 मार्च को विधानसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने छात्रों और पर्यावरणविदों की चिंताओं को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा, "यहां कोई हिरण नहीं है, कोई बाघ नहीं है, बल्कि केवल 'चालाक गीदड़' हैं जो राज्य के विकास में बाधा डालना चाहते हैं।" यह बयान तब आया जब राज्य के आईटी और उद्योग मंत्री डी. श्रीधर बाबू ने यह कहा था कि राज्य सरकार विश्वविद्यालय की झीलों और चट्टानों की रक्षा करेगी और इस भूमि पर कब्जा नहीं करेगी।छात्रों का विरोध क्यों?
तेलंगाना राज्य औद्योगिक अवसंरचना निगम (TGIIC) द्वारा गाचीबोवली की 400 एकड़ जमीन को विकसित करने और नीलामी करने की योजना के खिलाफ छात्र विरोध कर रहे हैं। यह भूमि हाल ही में एक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद राज्य सरकार के अधिकार में आई थी। चूंकि यह क्षेत्र हैदराबाद के आईटी कॉरिडोर और वित्तीय जिले के अंतर्गत आता है, इसलिए यह प्रमुख रियल एस्टेट संपत्ति मानी जा रही है।छात्र, स्थानीय निवासी और पर्यावरण कार्यकर्ता इस नीलामी के खिलाफ एकजुट हैं। वे दावा कर रहे हैं कि यह भूमि एक महत्वपूर्ण कार्बन सिंक है, जहां विभिन्न पौधों, पक्षियों और दुर्लभ जानवरों की प्रजातियाँ निवास करती हैं। औद्योगिक विकास से इस क्षेत्र की जैव विविधता को गंभीर नुकसान पहुँच सकता है।छात्रों की प्रमुख मांगें
सरकार द्वारा यह आश्वासन दिए जाने के बावजूद कि विश्वविद्यालय की भूमि सुरक्षित रहेगी, छात्रों का विरोध अब भी जारी है। वे सरकार की नीयत पर संदेह जता रहे हैं और ऐसे कई उदाहरण दे रहे हैं जहाँ विश्वविद्यालय की भूमि को अन्य उद्देश्यों के लिए अधिग्रहित किया गया है।छात्र संगठन निम्नलिखित मांगें कर रहे हैं:- भूमि नीलामी प्रक्रिया को तुरंत रोका जाए।
- इस भूमि के पारिस्थितिक और जैव विविधता महत्व की जांच के लिए एक स्वतंत्र समीक्षा समिति गठित की जाए।
- हैदराबाद विश्वविद्यालय को कानूनी रूप से इस भूमि का स्वामित्व प्रदान किया जाए।