हिजाब विवाद / पांच फरवरी के आदेश में हिजाब पर प्रतिबंध नहीं, HC में बोली सरकार

महाधिवक्ता प्रभुलिंग नवदगी ने शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश ऋतुराज अवस्थी की अध्यक्षता वाली पूर्ण पीठ को बताया कि शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक प्रतीकों से जुड़े मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने के लिए सतर्क रुख अपनाया गया है। इसलिए उसने सीडीसी को स्कूल की पोशाक तय करने की शक्तियां सौंप दीं। शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक प्रतीकों के मामलों में हम हस्तक्षेप नहीं करना चाहते हैं।

Vikrant Shekhawat : Feb 19, 2022, 11:49 PM
Karnataka hijab controversy: कर्नाटक में हिजाब के मुद्दे पर उठे विवाद के बीच राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय को बताया है कि उसके पांच फरवरी के सरकारी आदेश (जीओ) में हिजाब पर प्रतिबंध नहीं लगाया है। केवल कॉलेज विकास समितियों (सीडीसी) को स्कूल की पोशाक तय करने का अधिकार दिया गया है।

महाधिवक्ता प्रभुलिंग नवदगी ने शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश ऋतुराज अवस्थी की अध्यक्षता वाली पूर्ण पीठ को बताया कि शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक प्रतीकों से जुड़े मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने के लिए सतर्क रुख अपनाया गया है। इसलिए उसने सीडीसी को स्कूल की पोशाक तय करने की शक्तियां सौंप दीं। शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक प्रतीकों के मामलों में हम हस्तक्षेप नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने (याचिकाकर्ता लड़कियों ने) हमें अनावश्यक रूप से घसीटा और इसे एक मुद्दा बना दिया। उन्होंने पांच फरवरी, 2022 के आदेश को सीधे तौर पर पढ़ते हुए कहा कि हमने हिजाब को प्रतिबंधित नहीं किया है।

शांति और सद्भाव को भंग करने वाले कपड़े पहनने पर रोक लगाने का आदेश जारी करने के पीछे का कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि इरादा केवल विद्यार्थियों को अभद्र पोशाक नहीं पहनने के लिए कहना था। उनके मुताबिक, याचिकाकर्ताओं ने बेवजह राज्य को इस मामले में घसीटा है। शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब विवाद को देखते हुए हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने पहले एक अंतरिम आदेश पारित किया था, जिसमें विद्यार्थियों को अंतिम आदेश पारित होने तक हिजाब पहनने से रोका गया था।