Vikrant Shekhawat : Apr 15, 2022, 11:53 AM
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू) में रामनवमी के दिन नॉनवेज खाने को लेकर हुए बवाल के बाद छात्रों के दो गुटों में हुई हिंसक झड़प का मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि शुक्रवार सुबह एक और मामला सामने आया है।शुक्रवार सुबह जेएनयू के मेन गेट पर हिंदू सेना नाम के संगठन ने भगवा झंडा लगा दिया है। यही नहीं जेएनयू कैंपस के आसपास और उसकी दीवारों ने इस संगठन ने भगवा जेएनयू नाम के पोस्टर भी लगा दिए हैं। शुक्रवार सुबह यह मामला प्रकाश में आया।जेएनयू में मारपीट मामला: वसंतकुंज पुलिस ने जेएनयू के 11 छात्रों से पूछताछ की वसंतकुंज(नार्थ) पुलिस ने जेएनूय मारपीट मामले में गुरुवार को 11 छात्रों से पूछताछ की। इनमें से आठ छात्र वामपंथी संगठनों के हैं,जबकि तीन छात्र एबीवीपी के हैं। इन छात्रों ने पूछताछ में एक-दूसरे पर आरोप लगाया है। दूसरी तरफ पुलिस ने दोनों संगठनों के छात्रों से मारपीट की वायरल हो रही वीडियो की ओरिजनल कॉपी मांगी है। दिल्ली पुलिस जेएनयू प्रशासन को कावेरी हॉस्टल के स्टाफ से पूछताछ करने के लिए शुक्रवार को पत्र लिखने जा रही है।दक्षिण-पश्चिमी जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वामपंथी छात्रों ने आरोप लगाया है कि एबीवीपी व उसके समर्थक हॉस्टल में नॉनवेज बनाने का विरोध कर रहे थे। वह नॉनवेज बनाने पर हॉस्टल के सचिव को धमका रहे थे। जब वह मौके पर पहुंचे तो वह सचिव को धमका रहे थे। उन्होंने बीच-बचाव करने का विरोध किया तो एबीवीपी वालों ने मारपीट की। वहीं एबीवीपी वालों ने आरोप लगाया है कि वामपंथी लोग उसके हवन का विरोध कर रहे थे और हवन में बाधा डाल रहे थे। इसके बाद उन्होंने धक्कामुक्की व मारपीट शुरू करना शुरू कर दिया। एबीवीपी वालों का कहना है कि हॉस्टल में नॉनवेज बनाने का उन्होंने विरोध नहीं किया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार करीब 30 से ज्यादा आरोपियों की पहचान हो चुकी है। इनके बयान जल्दी दर्ज किए जाएंगे। अभी पुलिस पीड़ितों के बयान दर्ज कर रही है। मामले की तह तक जाने के लिए कावेरी हॉस्टल की मेस कमेटी से पूछताछ की जाएगी। इसके लिए जल्द ही जेएनयू प्रशास ने अनुमति ली जाएगी। इसके अलावा हॉस्टल आदि जगहों पर तैनात सुरक्षा गार्डों से पूछताछ की जाएगी। पुलिस ऐसे छात्रों की तलाश कर रही है जो किसी भी संगठन से न जुड़े हो और वह सच्चाई बता सकें। ऐसे छात्रों के बयान दर्ज किए जाएंगे। दूसरी तरफ गुरुवार को जेएनयू का माहौल शांत रहा। गुरुबार को जेएनयू में पुलिस बल तैनात नहीं किया गया था।