नई दिल्ली / दिल्ली / 80 हजार की किट से 3 हजार सीसी तक की गाड़ियां हो जाएंगी हाइब्रिड

अगर इलेक्ट्रिक गाड़ी लेना चाहते हैं ताे आपकाे नई गाड़ी खरीदने की जरूरत नहीं है। 70-80 हजार रुपए खर्च करके अपनी सामान्य गाड़ी काे भी हाइब्रिड में बदलवा सकते हैं। आपकी गाड़ी पेट्रोल, डीजल या सीएनजी के साथ ही बैटरी से भी चलेगी। इससे जुड़े नियमाें काे सरकार ने मंजूरी दी है। इनके तहत तीन हजार सीसी तक की गाड़ियां हाइब्रिड में बदल सकती हैं। साढ़े तीन टन से कम के एल, एम और एन श्रेणी के वाहनाें में हाइब्रिड किट लगवाई जा सकेगी।

Dainik Bhaskar : Mar 10, 2019, 10:43 AM
नई दिल्ली (शरद पाण्डेय). अगर इलेक्ट्रिक गाड़ी चलाना चाहते हैं ताे आपकाे नई गाड़ी खरीदने की जरूरत नहीं है। 70-80 हजार रुपए खर्च करके आप अपनी सामान्य गाड़ी काे भी हाइब्रिड में बदलवा सकते हैं। यानी आपकी गाड़ी पेट्रोल, डीजल या सीएनजी के साथ ही बैटरी से भी चलेगी। इससे जुड़े नियमाें काे सरकार ने मंजूरी दे दी गई है। इनके तहत तीन हजार सीसी तक की गाड़ियां हाइब्रिड में बदलवाई जा सकती हैं। नाेटिफिकेशन के अनुसार साढ़े तीन टन से कम के एल, एम और एन श्रेणी के वाहनाें में हाइब्रिड किट लगवाई जा सकेगी।

ऑटाे, सवारी और सामान ढाेने वाले हल्के वाहन इन श्रेणियाें में आते हैं। उल्लेखनीय है कि देश में कुल 21 करोड़ वाहन हैं। इनमें से सात कराेड़ बस, ट्रक और कारें हैं। देश में डीजल से चलने वाली करीब 2.5 करोड़ कारें हैं। हाइब्रिड या फुल इलेक्ट्रिक वाहन से फ्यूल एफिशिएंसी 40% तक बढ़ जाती है। यानी गाड़ी चलाने का खर्च कम हो जाता है। हानिकारक गैसों का उत्सर्जन भी कम हाेगा।

गाड़ी में ब्रेक से भी चार्ज हाेगी बैटरी

पेट्रोल, डीजल या सीएनजी से चलने वाले वाहनाें काे हाइब्रिड या पूरी तरह इलेक्ट्रिक बनाने के लिए इनमें बैटरी और एक किट लगाई जाती है। इसे रेट्राेफिटिंग कहते हैं। किट में एक इलेक्ट्रिक मोटर, कंट्रोलर, बैटरी पैक, सॉफ्टवेयर कंट्रोलर और बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम होता है। यह पूरा सिस्टम गाड़ी को पैरलल प्लग-इन हाइब्रिड में बदल देता है। इसके बाद वाहन रिजनरेट ब्रेकिंग सिस्टम से चलता है। यानी गाड़ी में ब्रेक लगाने से भी बैटरी चार्ज हाेती है।