Hyperloop / भारत आ रही है 'हाइपरलूप' बुलट ट्रेन से भी तेज, 5 मिनट में पूरा होगा घंटे भर का सफर

कितना अच्छा हो आप बिना हवाई जहाज का उपयोग किए सिर्फ 1 आधे घंटे में दिल्ली से चंडीगढ़ पहुंच जाएं या फिर सिर्फ घंटे में आप मुंबई में हों। ये सपना नहीं बल्कि जल्द ही भारत में एक सच्चाई के रूप में बदल सकता है। देश एक ओर जहां मुंबई अहमदाबाद बुलट ट्रेन का इंतजार कर रहा है, वहीं अब कई विदेशी कंपनियां भारत में 300 किमी. प्रति घंटे से अधिक की स्पीड पर चलने वाली 'हाइपरलूप' लाने की तैयारी में जुट गई हैं।

Vikrant Shekhawat : Nov 18, 2022, 05:35 PM
Hyperloop: कितना अच्छा हो आप बिना हवाई जहाज का उपयोग किए सिर्फ 1 आधे घंटे में दिल्ली से चंडीगढ़ पहुंच जाएं या फिर सिर्फ  घंटे में आप मुंबई में हों। ये सपना नहीं बल्कि जल्द ही भारत में एक सच्चाई के रूप में बदल सकता है। देश एक ओर जहां मुंबई अहमदाबाद बुलट ट्रेन का इंतजार कर रहा है, वहीं अब कई विदेशी कंपनियां भारत में 300 किमी. प्रति घंटे से अधिक की स्पीड पर चलने वाली 'हाइपरलूप' लाने की तैयारी में जुट गई हैं। 

क्या है हाइपरलूप

हाइपरलूप एक ऐसी तकनीक है जिसकी मदद से दुनिया में कहीं भी लोगों को या वस्तुओं को तीव्रता के साथ सुरक्षित एवं कुशलतापूर्वक स्थानांतरित किया जा सकेगा। यह ट्रेन चुंबकीय तकनीक से लैस पॉड (ट्रैक) पर चलेगी। हाईपरलूप तकनीक में खंभों के ऊपर (एलीवेटेड) ट्रांसपेरेंट ट्यूब बिछाई जाती है। इसके अंदर लंबी सिंगल बोगी हवा में तैरते हुए चलती है। इसमें घर्षण बिल्कुल नहीं होता। इसी के चलते इसकी स्पीड 1100 से 1200 किमी प्रति घंटे तक होती है। इसमें बिजली का खर्च भी बहुत कम होता है। इसमें पॉल्युशन भी बिल्कुल नहीं होता।

क्यों शुरू हुई हाइपरलूप की चर्चा 

नीति आयोग के सदस्य वी के सारस्वत ने शुक्रवार को कहा कि कुछ विदेशी कंपनियां भारत में अत्यधिक उच्च गति वाली रेल यात्रा के लिए 'हाइपरलूप' तकनीक लाने की इच्छुक हैं, हालांकि इस संबंध में चर्चा अभी शुरुआती चरण में है। सारस्वत हाइपरलूप प्रौद्योगिकी की तकनीकी और व्यावसायिक व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए गठित समिति के प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि समिति ने इस बारे में एक प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार की है। 

विदेशी कंपनियां भारत आने की इच्छुक 

सारस्वत ने कहा हमने कुछ कंपनियों के साथ बातचीत भी की है, जो विदेशी कंपनियां हैं। ये पहले ही इस (हाइपरलूप) तकनीक को विकसित कर रही हैं। सारस्वत ने आगे कहा, ''उन्होंने इस तकनीक को भारत में लाने में कुछ दिलचस्पी दिखाई है। चर्चा बेहद शुरुआती चरण में है। 

मुंबई पुणे रूट पर मिली अनुमति 

इस तकनीक की चर्चा व्यवसायी एलन मस्क ने की है। दुनिया भर में वर्जिन हाइपरलूप सहित कई अन्य कंपनियां इस तकनीक पर काम कर रही हैं। महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई से पुणे के बीच यात्रा के लिए हाइपरलूप तकनीक के इस्तेमाल की अनुमति दी है। पुणे और मुंबई के बीच जहां अभी 3 से 4 घंटे सफर में लगते हैं, वहीं इसके बाद 20 से 25 मिनट में सफर पूरा हो सकेगा।