जयपुर । प्रदेश में स्कूल बंद हुए 101 दिन हाे चुके हैं। शैक्षणिक कैलेंडर देखें ताे 24 जून से शिक्षकाें अाैर एक जुलाई से बच्चाें के लिए स्कूल खुलने वाले हैं। अगर ऐसा हुआ तो बच्चों के लिए यह बड़ा खतरा साबित हो सकता है। क्योंकि कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा और प्रदेश के सरकारी स्कूलों की हालत दयनीय है।
प्रदेश में 1563 सरकारी स्कूल तो ऐसे हैं, जो सिर्फ एक कमरे में चल रहे हैं। यानी एक ही कमरे में करीब 50 से 100 बच्चाें काे बैठना पड़ता है। इनमें से 1480 सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जिनमें एक कमरे में ही एक से लेकर पांचवीं तक की कक्षाएं चल रही हैं।
82 स्कूल ऐसे भी हैं, जिनमें एक से 8वीं तक की कक्षाएं चलती हैं। 9 सेकेंडरी और 25 सीनियर सेकेंडरी स्कूल भी एक ही कमरे में संचालित होते हैं। इससे भी डरावना सच ये है कि 167 सरकारी स्कूलों में तो एक भी कमरा नहीं है। यही नहीं, प्रदेश के 7,688 सरकारी स्कूल सिर्फ एक-एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कैसे हो पाएगी?
1.75 लाख शिक्षकों की ड्यूटी कोरोना में, पढ़ाएगा कौन?
शिक्षा विभाग के 4 लाख शिक्षकों में से 1.75 लाख की ड्यूटी कोरोना वाॅरियर्स के रूप में लगी है। अभी अधिकांश की राजस्थान बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी है। 30 जून को परीक्षा होते ही इनकी वापस ड्यूटी लग सकती है। ऐसा हुआ तो 1 जुलाई से स्कूल खुलने पर पढ़ाएगा कौन?
जब स्कूल बंद हुए थे तब सिर्फ 3 केस थे, अब राेज 300 नए राेगी मिल रहे
प्रदेश में 13 मार्च को जब स्कूलों में छुट्टी घोषित की गई थी तब सिर्फ 3 कोरोना पॉजिटिव थे। अब एक महीने से राज्य में कोरोना के रोज औसतन 300 नए मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में स्कूल खुले तो गंभीर खतरा हो सकता है।